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लाह की खेती से किसान बनेंगे समृद्धि

कुंडहित (जामताड़ा) शनिवार को कुंडहित वन क्षेत्र कार्यालय में वन पर्यावरण एवं जलवायु परि

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 09:51 AM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 09:51 AM (IST)
लाह की खेती से किसान बनेंगे समृद्धि
लाह की खेती से किसान बनेंगे समृद्धि

कुंडहित (जामताड़ा) : शनिवार को कुंडहित वन क्षेत्र कार्यालय में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से लाह की खेती के लिए दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

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डीएफओ सुशील सोरेन, आइआइएनआरजी रांची के वैज्ञानिक पीपाट माझी एवं एसबी आजाद ने किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक एसबी आजाद ने कहा कि कम मेहनत से इस क्षेत्र में अच्छी आमदानी कर सकते हैं, लेकिन उसकी सही जानकारी होनी चाहिए। इस क्षेत्र में हजारों पलाश के पेड़ है। जानकारी के अभाव में लाह की खेती नहीं की जाती है। कहा एक पलाश पेड़ से हजार से पांच हजार रुपये तक की आय कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को लाह की खेती की जानकारी दी। कहा कि आज बाजार में विभिन्न सामाग्री बनाने के लिए लाह की जरुरत बड़े पैमाने पर है। लाह से निर्मित विभिन्न सामग्री जैसे चूड़ी, खिलौना, घर की सजावट, दांत लगाने तथा अन्य बहुत सारी कार्य में लाह का उपयोग आता है। मौके पर पीपाट माझी ने कहा कि इस क्षेत्र में पलाश के साथ कुसुम एवं बैर की खेती होती है। घर बैठकर हजारों रुपये लाह, बैर एवं कुसुम की उत्पादन से आमदनी कर सकते हैं। मौके पर डीएफओ सुशील सोरेन ने कहा कि लाह खेती से आमदनी दोगुनी हो सकती है। वहीं महिला भी घर बैठकर लाह की खेती कर स्वरोजगार कर सकती है। दैनिक कार्य के साथ एक घंटा कर हम लाह खेती करें तो हमे हजारों रुपये घर बैठे आमदनी हो सकती है। लाह उत्पादन के बाद मुरिडीह वन कार्यालय में समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। मौके पर वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी प्रतिमा कुमार, वन पाल अजय लाल सहित वन कर्मी, वन रक्षी एवं वन समितियां उपस्थित थे।


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