सुखाड़ से किसान परेशान न हो बल्कि नई तकनीक से खेती करें
सुखाड़ से किसान परेशान न हो बल्कि नई तकनीक से खेती करें
सुखाड़ से किसान परेशान न हो बल्कि नई तकनीक से खेती करें
संवाद सहयोगी, कुंडहित (जामताड़ा) : गुरुवार को कुंडहित प्रखंड के बिक्रमपुर, बागडेहरी, कुंडहित तथा अम्बा में किसान गोष्ठी सह खरीफ कार्यशाला का आयोजन किया गया। मौके पर बीटीएम सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि सुखाड़ को देखते हुए किसान परेशान न हों। इसके लिए सरकार के साथ-साथ विभाग भी किसानों की वैकल्पिक खेती के लिए जोर दे रहा है। किसान कम वर्षा में वैकल्पिक खेती कर अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं, लेकिन समय के साथ इस कार्य में किसानों की साहभागीता तथा देखरेख करना आवश्यक है। बीटीएम सुजीत कुमार ने आईआर 64, सहभागी, वंदना, अंजली आदि कम दिनों में तैयार होनेवाले धान बीजों को लगाने के लिए किसानों को सलाह दिया। बताया कि किसान डीएसआर विधि से वर्तमान परिवेश में धान की खेती करें। जिसमें हल के पीछे बीज गिरा कर या छिड़काव विधि से धान की खेती करें। छिड़काव विधि से धान की खेती में बीज की मात्रा प्रति एकड़ 40 किलोग्राम लगता है। इस विधि में घास की समस्या आती है जिसके लिए पेंडामिथलिन 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर खेतों में किसान छिड़काव करें। बहुत हद तक खरपतवार की समस्या से निजात मिल जाएगी। उन्होंने बीजोपचार करने को भी कहा। किसानों को वैकल्पिक खेती जिसमें अरहर (कम दिनों में होने वाला), मक्का, कुल्थी आदि फसल लगाने की सलाह दी गई।