लोक अदालत में 143 मामलों का निष्पादन
जामताड़ा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौरसिया ने की। लोक अदालत के सफल संचालन के लिए दो बेंच का गठन किया गया। प्रथम बेंच में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में मामले का निष्पादन किया गया व द्वितीय बेंच अपर जिला व सत्र न्यायाधीश दो बिपिन बिहारी गौतम की अगुवाई में मामले का निष्पादन किया गया।
जामताड़ा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौरसिया ने की। लोक अदालत के सफल संचालन के लिए दो बेंच का गठन किया गया। प्रथम बेंच में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में मामले का निष्पादन किया गया व द्वितीय बेंच अपर जिला व सत्र न्यायाधीश दो बिपिन बिहारी गौतम की अगुवाई में मामले का निष्पादन किया गया। इस मौके पर 143 मामलों का निष्पादन कर 36 लाख 5,966 रुपये की वसूली की गई। प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौरसिया ने बताया कि समय-समय पर नालसा व झालसा द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, यह अवसर सब समय प्राप्त नहीं होता है। इस मौके पर दोनों पक्षों की राजी खुशी से सभी सुलह युक्त मामलों का निष्पादन किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां कोई भी पक्ष हारता नहीं है दोनों की राजी खुशी से मामले का निष्पादन किया जाता है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश कमल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने बहुत सारी योजनाएं और कानून बनाया है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग उसका समुचित लाभ उठा नहीं पाते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है जिसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है। अगर कोई पीड़ित परिवार असहाय है तो उसको किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है तो अपना आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दें। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पारिवारिक मामलों का निष्पादन मध्यस्थता केंद्र के द्वारा दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के द्वारा निष्पादित किया जाता है। बहुत सारे मामले अब तक निष्पादित किए गए हैं जो सुख चैन का जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने पारिवारिक विवाद मामले को मध्यस्थता से सुलझाने की अपील किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुशेश्वर सिकू ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गरीब है और जेल में है उसकी पत्नी या परिवार अधिवक्ता रखने के लिए सक्षम नहीं है तो उसके लिए आवेदन भी दे सकते हैं इसमें किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा बल्कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार निश्शुल्क अधिवक्ता की सुविधा मुहैया कराएगी। इस मौके पर अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष उमाशंकर सिंह, एसडीजेएम विक्रम आनंद, न्यायिक दंडाधिकारी अरविद कुमार, जिला अधिवक्ता संघ के सचिव अभिजीत बोस सहित सभी शाखा प्रबंधक व न्यायालय कर्मी मौजूद थे।