शिशु मृत्युदर में कमी लाने पर जोर
नाला (जामताड़ा) : सोमवार को नाला सीएचसी परिसर में नवजात शिशु सप्ताह कार्यक्रम को लेकर चिकि
नाला (जामताड़ा) : सोमवार को नाला सीएचसी परिसर में नवजात शिशु सप्ताह कार्यक्रम को लेकर चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ. नदियानंद मंडल ने सहिया साथी व एएनएम के साथ बैठक की। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर मृत्यु के कारण, शिशु की देखभाल, शिशु में बीमारी के लक्षण की जानकारी दी।
कहा की अधिकतर नवजात बच्चों की मृत्यु संस्थागत प्रसव नहीं होने के कारण होती है। बच्चे का जन्म के 28 दिन के अंदर मृत्यु हो जाने को नवजात मृत्यु कहा जाता है। इसे रोकने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराना अनिवार्य है। गर्भ के दौरान नियमित जांच कर आवश्यक उपचार करने की जरूरत है। नवजात शिशु की मृत्यु में कमी लाने को लेकर सरकारी योजना का लाभ घर-घर पहुंचाने का निर्देश दिया। गर्भवती महिला समेत नवजात शिशु की मृत्यु रिपोर्ट करना अनिवार्य है। समय पर रिपोर्टिग करने पर सहिया को एक रिपोर्ट पर 200 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
वर्तमान में राज्य में मृत्यु दर प्रति हजार माता की 29 तथा प्रति हजार शिशु की 21 है। 15 से 21 नवंबर तक चलने वाले सप्ताह में गांव में सहिया कार्यक्रम करेंगी।
परवेज आलम ने बताया कि क्षेत्र में फाइलेरिया मरीजों का इलाज को लेकर विशेष अभियान चलाया गया जिसके के तहत चिह्नित मरीजों को दवा उपलब्ध करानी है। सभी सहिया साथी को दवा लेकर मरीज के बीच वितरण कराएं। मौके पर प्रशिक्षक लक्ष्मी मंडल, अंजू माजी, गयासुद्दीन, अंजाम, सुरज वर्मा, मानकुमारी घोष, कमलीनी, शोभा कुमारी, हायरानी पाल, इरा पाल, रीता दत्ता, रूपाली महतो, रूपाली ¨सह, सरस्वती गोरांई, सोनाली माजी, मंजू मरांडी आदि एएनएम थीं।