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मुंबई में साइबर अपराध की ट्रेनिंग लेकर शातिर बना दुर्योधन

साइबर अपराधी दुर्योंधन मंडल पांचवीं पास है मगर अपराध की बारीकियों की जानकारी एक्सपर्ट से कम नहीं है। उसने इस धोखाधड़ी की ट्रेनिंग मुंबई में अपने दोस्तों से ली थी। वह वहां ऑटो चलाता था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 06:03 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:03 PM (IST)
मुंबई में साइबर अपराध की ट्रेनिंग लेकर  शातिर बना दुर्योधन
मुंबई में साइबर अपराध की ट्रेनिंग लेकर शातिर बना दुर्योधन

जागरण संवाददाता, जामताड़ा : साइबर अपराधी दुर्योंधन मंडल पांचवीं पास है मगर अपराध की बारीकियों की जानकारी एक्सपर्ट से कम नहीं है। उसने इस धोखाधड़ी की ट्रेनिंग मुंबई में अपने दोस्तों से ली थी। वह वहां ऑटो चलाता था। ऑनलाइन टपाई जानेवाली राशि को अपने बैंक खाते में कमीशन लेकर ट्रांसफर करवाने लगा। उसका मुंबई में केनरा बैंक और आसनसोल के एक्सिस बैंक में खाते हैं। इन दोनों खाताओं में 600 ट्रांजेक्शन हुए। लाखों रुपये का लेनदेन चार वर्षों में हुआ। जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस खातों की जांच कर रही है । उसके बैंक एकाउंट फ्रिज करवा दिया गया। उसके सहयोगियों की तलाश भी हो रही है। सोमवार को साइबर थाना के प्रभारी सह इंस्पेक्टर सुनील चौधरी की अगुवाई में टीम ने दुर्योधन व बलराम को रतनुडीह से गिरफ्तार किया।

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साइबर अपराध की कमाई से उसने यहां दो जगहों पर सुविधायुक्त मकान बनवाए हैं। ठगी के मामले में उसे पहले तेलंगाना पुलिस भी गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ माह पूर्व तेलंगाना कोर्ट से जमानत पर वह अपने जामताड़ा जिले के हेठकरमाटांड़ स्थित अपने घर लौटा था। पुलिस की मानें को दोनों भाई साइबर अपराधी हैं। मगर दुर्योधन शातिर है। पुलिस ने उसके पास से तीन फोन, पांच सिमकार्ड, एक पासबुक, पांच एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक बाइक व एक मालवाहक गाड़ी जब्त की। दोनों विद्यासागर थाना के हेठकरमाटांड़ गांव का निवासी है। इसी साल तेलंगाना के एक बैंक खाते से उसने राशि टपाई थी। वहां की पुलिस उसे यहां से ट्रांजिट रिमांड पर ले गई थी। वह वहां लगभग 10-15 दिन ही जेल में रहा और जमानत पर बाहर आ गया। यहां की पुलिस की उसपर नजर थी।

पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि दुर्योधन का मुंबई के केनरा बैंक में पांच वर्षो से खाता तल रहा है। उसके खाते में अन्य साइबर पैसे डालते थे। फिर वह अपने खाते से नकद निकालकर सहयोगियों को देता था। इसके बदले उसे कमीशन मिलता था। मुंबई के खाते से चार सौ व आसनसोल के खाते से डेढ़ सौ ट्रांजेक्शन हुए हैं। उसकी संपत्ति का पता लगाया जा रहा है।

थानेदार के अनुसार दुर्योधन की रतनुडीह में दुकान और मकान है। हठकरमाटांड़ में भी बड़ा मकान है। रतनुडीह में हार्डवेयर की उसकी दुकान में भी अच्छी पूंजी लगी है। घर में सारी सुविधाएं हैं।


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