डीएमएफटी विद्यालयों को उपलब्ध कराएगा संसाधन
दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्र संख्या के अनुरुप बेंच-डेस्क उपलब्ध नहीं है कई विद्यालयों में सात आठ वर्ष पूर्व आपूर्ति की गई थी जो वर्तमान समय में टूट-फूट चुका है। ऐसे में एक बेंच में चार छात्र के जगह छह छात्र को बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है। इसी प्रकार कई विद्यालय ऐसे भी दिखाई है जहां दस वर्ष या उससे पूर्व शौचालय का निर्माण हुआ था जो वर्तमान समय में जर्जर हो चुका है ऐसे में इसका उपयोग नहीं हो पा
--- डीएमएफटी की निधि से स्कूलों को मिलेगी बेंच-डेस्क व शौचालय
--- शिक्षा विभाग संसाधन कमी वाले स्कूलों की सूची तैयार की
-- प्रस्ताव तैयार कर डीसी के समक्ष प्रस्तुत करने की तैयारी
संवाद सहयोगी,जामताड़ा : अब विद्यालयों में बेंच-डेस्क व शौचालय की समस्या छात्र-छात्राओं एवं स्कूल प्रबंधन को परेशान नहीं करेगा। चूंकि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद की राशि से बेंच-डेस्क व शौचालय विद्यालय में उपलब्ध कराई जायेगी। इस निमित शिक्षा विभाग ने विद्यालय की सूची आवश्यकता के अनुरुप तैयार करने में जुट गया है। इस निमित पिछले 10 अक्टूबर को उपायुक्त गणेश कुमार ने अपने सभागार में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट प्रबंधकीय समिति की समीक्षा बैठक में जिला खनन पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को चयनित योजना का प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा था। निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग ने वैसे दर्जनों विद्याल की सूची एवं आवश्यकता बेंच-डेस्क की संख्या एवं शौचालय की आवश्यकता वाले विद्यालयों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। स्वीकृति को शीघ्र उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इधर खनन विभाग ने भी खनन क्षेत्रों में पेयजल एवं स्वच्छता संबंधित योजना निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत की। प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति मिलने पर करीब दो दर्जन उच्च एवं मध्य विद्यालयों में 2810 बेंच-डेस्क की आपूर्ति होगी। वहीं वैसे विद्यालय जहां शौचालय जर्जर या उपयोग हीन है, वैसे 16 विद्यालयों में शौचालय का निर्माण होगा। इससे पूर्व खनन विभाग ने जिले के खनन प्रभावी क्षेत्र पबिया,महेशमुंडा, झिलुवा, पलाजोरी पंचायत के कई खनन प्रभाव क्षेत्रों में पेयजल,शौचालय ,स्किल डेवलपमेंट एवं साफ सफाई से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव तैयार कर उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
-- बेंच-डेस्क के अभाव में परेशानी : दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्र संख्या के अनुरुप बेंच-डेस्क उपलब्ध नहीं है, कई विद्यालयों में सात आठ वर्ष पूर्व आपूर्ति की गई थी जो वर्तमान समय में टूट-फूट चुका है। ऐसे में एक बेंच में चार छात्र के जगह छह छात्र को बैठकर पढ़ाई करना पड़ता है। इसी प्रकार कई विद्यालय ऐसे भी दिखाई है जहां दस वर्ष या उससे पूर्व शौचालय का निर्माण हुआ था जो वर्तमान समय में जर्जर हो चुका है ऐसे में इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। अब इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को इन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
-- वर्जन : जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद की राशि से बेंच-डेस्क व शौचालय विद्यालय में उपलब्ध कराया जायेगा। इस निमित आवश्यकता वाले विद्यालयों में संख्यावार बेंच-डेस्क एवं शौचालय का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है शीघ्र ही तैयार प्रस्ताव उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। -- बांके बिहारी सिंह,जिला शिक्षा पदाधिकारी।