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भौतिक सत्यापन में उजागर हो रही गड़बड़ी

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड की बोरवा पंचायत में 72 मनरेगा योजना में से 60 यो

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 06:20 PM (IST)
भौतिक सत्यापन में उजागर हो रही गड़बड़ी
भौतिक सत्यापन में उजागर हो रही गड़बड़ी

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड की बोरवा पंचायत में 72 मनरेगा योजना में से 60 योजना के बोर्ड की राशि करीब 30 हजार रुपये की निकासी हो गयी और बोर्ड किसी में नहीं लगी। इस मोटी रकम की निकासी के बाद यदि योजना स्थल पर बोर्ड नहीं है तो मनरेगा कर्मी का गड़बड़झाला सामने आना जायज है। ये मामले पंचायत में सामाजिक अंकेक्षण कार्य में सामने आए।

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---एमबी बोर्ड का उल्लेख, धरातल पर गायब : टीम लीडर पल्लवी कुमारी एवं प्रीतम चौधरी ने बताया उक्त वित्तीय वर्ष की 72 योजना में से 60 योजना में बोर्ड नहीं लगाए गए हैं जबकि सरकारी प्रावधान के अनुरूप सभी योजना में 500 रुपये बोर्ड लगाने की राशि दी गयी है। इन योजनाओं में बोर्ड की राशि कार्य के दौरान ही मनरेगा कर्मी ने निकलवा ली है। सभी योजना के एमबी में कनीय अभियंता ने बोर्ड लगने का उल्लेख भी किया है। दोनों ने बताया कि एक-एक योजना के छोटी-छोटी रकम को जोड़कर देखा जाय तो इस पंचायत में करीब 30 हजार रुपये का गबन का मामला सिर्फ बोर्ड में कियागया है। जनसुनवाई में इस मसले को रखा जाएगा। ।

--18 डोभा में योजना बोर्ड नहीं : पंचायत के विभिन्न गांवों में विभिन्न आकार के एक भी डोभे में योजना बोर्ड टीम को नहीं मिला। इन्हें लाभुक से पूछ कर योजना का सत्यापन करना पड़ा। सदस्यों ने इसमें भी गड़बड़ी होने की आशंका जाहिर की। ।

---पैसे की निकासी पूरी काम हुआ कम : यहां के 18 में से छह डोभा टीम को ऐसे मिले जिसकी गहराई दस फीट के स्थान पर महज छह फीट ही थी। जबकि इन छह योजना में पैसे की निकासी पूरी कर एमबी भी बनवा लिया गया है। टीम के सदस्यों ने बताया कि हमलोग वर्ष भर में किसी मिट्टी वर्क में दो से तीन फीट की गहराई कम को सही मानते हैं। परंतु इससे जिस योजना में अधिक कम गहराई मिलता है, उसमें गड़बड़ी की पूरी गुंजाइश है। इसमें पैसे की बंदरबांट को नकारा नहीं जा सकता है। पैसे निकासी अधिक और काम कम का एक और मामला बोरवा गांव के जमीन समतली करने का भी उभरा है।

--बकरी व मुर्गी शेड में निकले हजारों की राशि : बकरी एवं मुर्गी शेड योजना में वेंडर ने मिक्स आइटम के नाम पर एक एक शेड में 11,110 रुपये का पैसे का भुगतान मनरेगा से लिया। टीम के सदस्य ने बताया कि एक शेड में आखिर कितना कांटी, टीना, चुना, रस्सी आदि लगी कि इतनी राशि का भुगतान वेंडर को कर दिया गया। यहां 28 शेड निर्मित हुए हैं और सभी में 11 हजार रुपये का भुगतान लिया गया। प्राक्कलन में इतने राशि का उल्लेख नहीं है। चार बकरी शेड ऐसे मिले जिसमें अंदर प्लास्टर ही नहीं हुआ है और इसे कागज में पूर्ण दिखा कर पैसे की निकासी कर ली गयी है।

---शनिवार को होगी जनसुनवाई : टीम लीडर पल्लवी कुमारी ने बताया कि छह दिनों में जितने भी मामले आए हैं उसे ग्रामीणों के बीच जनसुनवाई के दौरान रखा जाएगा। उन्होंने कहा की यदि ग्रामीणों के बीच चुने गए ज्यूरी सदस्य एवं सरकारी पर्यवेक्षक ने निष्पक्ष निर्णय दिया तो अधिकतर योजना में राशि की रिकवरी निश्चित है।


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