चाय-पानी पिलाएंगे, कागज नहीं दिखाएंगे
नारायणपुर में एनपीआर के विरूद्ध धरने पर बैठी महिलाएं
संवाद सहयोगी, नारायणपुर (जामताड़ा) : प्रखंड के चैनपुर, दक्षिण बहाल, मोहलीटोल अहरवातर, हरिहरपुर, खरबनवां, बेड़वा, चंपापुर व अगल-बगल के गांव की ग्रामीण महिलाओं ने एनपीआर के विरुद्ध धरना दिया। महिलाओं ने कहा कि हम लोग किसी भी कर्मचारी व अधिकारी को एनपीआर गणना के समय किसी भी तरह का कागज नहीं दिखाएंगे। एनपीआर का पूर्ण बहिष्कार करेंगी। उपस्थित महिलाओं ने कहा कि 1948 से होने वाली जनगणना के लिए हम सभी लोग तैयार हैं। उसके तहत सारी जानकारियां देने के लिए भी तैयार हैं। इसके लिए हम लोग खुद बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और जनगणना करने वाले कर्मचारियों का स्वागत भी करेंगे। लेकिन जो कोई एनपीआर की गणना के लिए आएंगे उन्हें चाय-पानी पिलाकर बैरंग लौटा देंगे। उनके साथ कुछ भी अप्रिय घटना नहीं होने देंगे। हम लोगों की लड़ाई गणना करने वाले कर्मचारियों से नहीं बल्कि सरकार की गलत नीतियों से है।
महिलाओं ने सम्मिलित रूप से कहा कि एनपीआर में जो जानकारी ली जा रही है उसे ही एनआरसी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार झूठ पर झूठ बोले जा रही है कि हमने एनआरसी पर आज तक कोई चर्चा ही नहीं की है। हमारे जामताड़ा क्षेत्र में संविधान बचाओ आंदोलन के तहत जागरूकता अभियान जारी है और हम सभी ऐसे आंदोलन का समर्थन करते हैं।
घर के आगे वी रिजेक्ट एनपीआर का बोर्ड टंगेगा : मौके पर संविधान बचाओ आंदोलन के संयोजक गाजी रहमतुल्लाह रहमत ने कहा कि पूरे क्षेत्र में एनपीआर पर जागरूकता अभियान जारी है। क्षेत्र की जनता काफी जागरूक हो चुकी है। अब आंदोलन थमने वाला नहीं है। 25 मार्च को एनपीआर के विरुद्ध भारत बंद का भी आह्वान कर दिया है। अधिक संख्या में जामताड़ा पहुंचकर बंद को सफल बनाएंगे। घर में महिलाएं ही होती हैं। इसलिए एनपीआर का बहिष्कार करने में इनका ही अहम रोल रहेगा। कहा कि हम अपने घरों के आगे वी रिजेक्ट एनपीआर का भी बोर्ड लगाने का अभियान जारी करेंगे ताकि एनपीआर कर्मचारी को पहले ही पता चल जाए कि इस घर से हमें एनपीआर से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिलने वाली है।
इस अवसर पर असमा खातून, कसीरन बीबी, सबीजा बीबी, तहीरन बीबी, खैरून बीबी, खुतेजा बानू, साजदा खातून, मेमूना खातून, गुलशन खातून, तरन्नुम, आयशा बानो, रुकैया बानो, फातिमा खातून, अफसाना खातून, नूरजहां बीबी आदि उपस्थित थी।