स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पर आपत्ति
जागरण संवाददाता जामताड़ा कोविड-19 एक बार फिर से विकराल रूप ले लिया है। इस बार यह वाय
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : कोविड-19 एक बार फिर से विकराल रूप ले लिया है। इस बार यह वायरस ज्यादा मारक है। पिछले वर्ष की रफ्तार धीमी थी, लेकिन इस बार की रफ्तार तीव्र और जानलेवा हो गई है। यह वायरस ज्यादा आक्रामक है और तेजी से फैल भी रहा है। जामताड़ा जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या काफी है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने सभी स्कूल बंद करने का निर्देश दिया है, जबकि संयुक्त सचिव के पत्र के अनुसार शिक्षको को कुल शिक्षकों में से 50 प्रतिशत की उपस्थिति के लिए रोस्टर बनाने का निर्देश दिया गया है। इस सरकारी निर्देश के प्रति यहां अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के दुमका प्रमंडल के प्रमंडलीय राज्य उपाध्यक्ष बाल्मीकि कुमार, जामताड़ा के जिला अध्यक्ष शशि शेखर सिंह, जिला महासचिव महेश्वर घोष, उपाध्यक्ष राकेश कांत रौशन, संगठन मंत्री विद्या सागर, प्रवक्ता एस एम इमाम ने कड़ी आपत्ति जताई है।
संगठन मंत्री विद्यासागर ने मंगलवार को यहां कहा कि सभी स्कूल बच्चों के लिए बंद है। छात्र घरों में ही रह रहे हैं। और शिक्षक डिजी स्कूल एप से बच्चों को आनलाइन पढ़ाई भी करवा रहे हैं। जब स्कूल में बच्चे नहीं आ रहे हैं तो फिर शिक्षक को स्कूल बुलाने का आखिर मकसद क्या है।
कहा है कि अभी कोरोना महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। कौन संक्रमित है, कौन नहीं, कोई नहीं जानता। ऐसे में शिक्षकों को स्कूल बुलाना समझ से परे है। कुछ शिक्षक हाल के दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। अंचल नाला के सीतामढ़ी मध्य विद्यालय के शिक्षक द्वारिका प्रसाद महतो का कोरोना के कारण मौत हो गई है। संघ के पदाधिकारियों ने कोरोना के संभावित दुष्परिणाम के मद्देनजर रोस्टर प्रणाली के स्थान पर विद्यालय को पूर्णत: बंद करने की मांग की।