अधिकारी पत्राचार व निर्देश में समय नष्ट न करें : डीसी
जनता से प्राप्त शिकायतों के निष्पादन में अधिकारी निर्देश व पत्राचार नहीं समस्या का निष्पादन करें।
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जनता से प्राप्त शिकायतों के निष्पादन में अधिकारी निर्देश व पत्राचार करने में समय नष्ट नहीं करें। निष्पादन अपने स्तर से करें। पत्राचार कर दायित्व पूर्ण करने वाले पदाधिकारी व कर्मचारियों की जगह सचिवालय में होती है। वहां पदस्थापन की इच्छा रखने वाले इच्छा जाहिर करें। उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
जनता दरबार में प्राप्त शिकायतों के निष्पादन की समीक्षा विभागवार की। जहां निष्पादन की गति असंतोष जनक मिली, संबधित बीडीओ व सीओ को टास्क दिया। उपायुक्त ने बोदमा व जामताड़ा ओवर ब्रिज निर्माण संबंधित स्थल से भवन शि¨फ्टग के बारे में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता से जानकारी मांगी तो वर्तमान प्रगति की जानकारी वे नहीं दे पाये। तब कहा कि केवल उपस्थिति दर्ज न कराएं। भूमि अधिग्रहण की समीक्षा बैठक 25 सितंबर को निर्धारित है, इसलिए 20 सितंबर तक भूमि अधिग्रहण क्षेत्र में शि¨फ्टग शुरू कराएं। पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता से सहयोग लें। कुंडहित एवं जामताड़ा बीडीओ की रिपोर्ट संतोषजनक न होने पर चेताया। मनरेगा में मजदूरी भुगतान में विलंब पर नाराजगी जताई। कहा विलंब होने पर पदाधिकारी दंडित होंगे।
जनसेवक मिर्धा के मामले की जांच का निर्देश:
कुंडहित जनता दरबार में जनसेवक मनोरंजन मिर्धा पर चार आरोप लगे थे। बीडीओ ने किसी प्रकार की जांच अब तक नहीं की थी। जनसेवक पंचायत सचिव,प्रखंड कृषि पदाधिकारी समेत अन्य पद पर प्रभार के रूप में काम कर रहा है। बीडीओ को निर्देश दिया कि उक्त सभी को मूल पद पर रखें शेष सभी प्रभार से उन्हें मुक्त करें। उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि मिर्धा द्वारा पिछले छह माह में उक्त पदों पर किये कार्य की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जनता दरबार में लगाये गये आरोपों की भी जांच करें। जामताड़ा बीडीओ को निर्देश दिया गया कि पंचायत सचिव व उप मुखिया से पीएम आवास में निर्गत मजदूरी राशि की गहन जांच कर आवश्यक कार्रवाई करें।
डीडीसी ने कार्रवाई की दी चेतावनी :
उप विकास आयुक्त रामा शंकर प्रसाद ने बीडीओ से कहा कि मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में व्यवस्था ऑनलाइन है, केवल प्रशासनिक स्वीकृति देना अभिलेखीय कार्य है। इसके बाद भी क्रियान्वयन में फेंका फेंकी हो रही है। ऐसे में कार्रवाई होगी। अपर समाहर्ता नंद किशोर लाल, डीएफओ राजकुमार साव, चित्रा यादव, नीतिश कुमार सिन्हा, प्यारेलाल, शब्बीर अंसारी आदि थे।