डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चमक रहा चिरेका
रेल इंजन कारखाना चित्तरंजन के इस उपलब्धि को देश दुनिया तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रेलवे बोर्ड चिरेका प्रशासन सोशल मीडिया और विभिन्न संचार माध्यमों की रही है।
चित्तरंजन : भारतीय रेल की सबसे पुरानी सहायक इकाई चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना, जो विश्व की सर्वाधिक विद्युत इकाई उत्पादन करने वाली इकाई के रूप में पुरी दुनियां में मशहूर है। रेल इंजन कारखाना चित्तरंजन के इस उपलब्धि को देश दुनिया तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रेलवे बोर्ड, चिरेका प्रशासन, सोशल मीडिया और विभिन्न संचार माध्यमों की रही है।
71 वर्षो की गौरवशाली सफर में चिरेका ने वाष्प इंजन, डीजल इंजन और अब विद्युत रेल इंजन के अत्याधुनिक और उच्च गति क्षमता वाले रेल इंजनों का निर्माण कर पूरी दुनिया में सफलता का परचम लहराया। चित्तरंजन ने तकनीक से लेकर उत्पादन गति क्षमता हर क्षेत्र में अपने को अग्रणी रखा जिसका परिणाम है कि चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना ने पिछले कुछ वर्षो में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए हैं और एक के बाद एक अपने ही सर्वाधिक इंजन निर्माण के कीíतमान को पीछे छोड़ते हुए नए कीíतमान का सृजन किया है जिसकी चर्चा देश और दुनिया में हो रही है चिरेका द्वारा सर्वाधिक रेल इंजन, वित्तीय वर्ष 2018/19 में 402 रेल इंजन निर्माण करने की उपलब्धि को लिम्का बुक में भी स्थान दिया चुका है।
चिरेका के फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट पर भी काफी प्रसिद्धि मिल रही है। देश के प्रसिद्ध हिंदी अंग्रेजी और बाग्ला भाषा के समाचार पत्र पत्रिकाओं में भी चिरेका के सफलता की चर्चा सर्व विदित है। चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना संस्थान के प्रधान के नेतृत्व और अधिकारीयों व कर्मचारियो की कुशल कार्यशैली के कारण ही चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना लगातार बेहतर क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता के विकास रथ पर सवार है। इस उपलब्धियो की खुशियों को शहर के चौराहों पर भी स्मृति स्तंभ के रूप में प्रदर्शीत किया गया है ताकि चितरंजन रेल इंजन शहरवासियों एवं चितरंजन रेलवे कíमयों को इस बात की हर्ष का सुखद एहसास मिलता रहे जिसकी ऊर्जा से वे सभी आगे भी पूरी लगन के साथ ऐसी उपलब्धियों का नया नया मुकाम फिर से हासिल कर सकें।