विद्यासागर में ईट-भट्ठों में झोंका जा रहा बालश्रम कानून
विद्यासागर (जामताड़ा) राज्य सरकार बाल श्रमिक उन्मूलन को कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। वहीं विद्यासागर (करमाटांड़) प्रखंड के कई पंचायत में ईट-भट्ठों पर बाल मजदूरों से धड़ल्ले से काम कराया जा रहा है। लिहाजा प्रखंड में बाल श्रमिक उन्मूलन का दावा खोखला नजर आ रहा है। बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं लेकिन इस कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ईट-भट्ठों के मालिक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियां व लड़के से बाल मजदूरी करवा रहे हैं। प्रखंड के दर्जनों बच्चे ईट ढुलाई का कार्य कर रहे हैं। काम करनेवाले बाल मजदूरों की उम्र सात से आठ वर्ष ही रहती है। इलाके में भट्ठे के मालिक व मुंशी ही बाल श्रम कानून का उल्लंघन कर रहे। इन बाल मजदूरों को 15 से 20 रुपये प्रति सैकड़ा ईट ढोने को दिया जाता है।
विद्यासागर (जामताड़ा) : राज्य सरकार बाल श्रमिक उन्मूलन को कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। वहीं विद्यासागर (करमाटांड़) प्रखंड के कई पंचायत में ईट-भट्ठों पर बाल मजदूरों से धड़ल्ले से काम कराया जा रहा है। लिहाजा प्रखंड में बाल श्रमिक उन्मूलन का दावा खोखला नजर आ रहा है। बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं लेकिन इस कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ईट-भट्ठों के मालिक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियां व लड़के से बाल मजदूरी करवा रहे हैं।
प्रखंड के दर्जनों बच्चे ईट ढुलाई का कार्य कर रहे हैं। काम करनेवाले बाल मजदूरों की उम्र सात से आठ वर्ष ही रहती है। इलाके में भट्ठे के मालिक व मुंशी ही बाल श्रम कानून का उल्लंघन कर रहे। इन बाल मजदूरों को 15 से 20 रुपये प्रति सैकड़ा ईट ढोने को दिया जाता है। खतरनाक कार्य में लगे कई बच्चे काम के दौरान घायल भी हो जाते हैं। फिर भी भट्ठे के मालिकों के इस कुकृत्य पर श्रम विभाग के पदाधिकारियों का ध्यान नहीं है। इलाके में अधिकारियों की ओर से लंबे समय से जांच-पड़ताल भी नहीं की गई है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बगरूडीह, रंगामटिया, मट्टांड़, सिकरपोसनी, पिपरासोल, ताराबहाल आदि गांवों में ईट-भट्ठे लगाए गए हैं। इन इलाकों में बच्चों से काम लेते कभी भी देखा जा सकता है।
भट्ठों पर काम कर रहे लोगों से जब बच्चों के बारे में पूछा गया तो बताए कि यह घर के उपयोग के लिए ईट भट्ठा लगाया गया है। बच्चों से काम करवाने के बारे में पूछने पर वे चुप्पी साध दिए। जहां तक के मजदूरों ने ईट भट्ठा मालिकों का नाम भी बताना मुनासिब नहीं समझा।
इस संबंध में अंचल अधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने कहा कि अगर ईट भट्ठों में बाल मजदूरी करवाई जा रही है तो यह सरासर गलत है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर बाल कानून अपराध के तहत कार्रवाई की जाएगी। बाल मजदूरी खत्म करने को इंस्पेक्टर हैं। उन्हें जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।