कोरोना के खौफ से शिक्षकों के निष्ठा प्रशिक्षण पर रोक
जामताड़ा देश भर में कोरोना को लेकर बढ़ती मरीजों की संख्या व बचाव की हो रही पहल के बीच राज्य सरकार ने शिक्षकों के निष्ठा प्रशिक्षण पर राज्य भर में रोक लगा दी है। राज्य परियोजना निदेशक ने इसी गुरुवार को कोराना के मद्देनजर सभी डीएसई व डीइओ को पत्र जारी कर दिया है। अगले आदेश तक प्रशिक्षण बंद करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अब अगले वित्तीय वर्ष में शेष शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जामताड़ा : देश भर में कोरोना को लेकर बढ़ती मरीजों की संख्या व बचाव की हो रही पहल के बीच राज्य सरकार ने शिक्षकों के निष्ठा प्रशिक्षण पर राज्य भर में रोक लगा दी है। राज्य परियोजना निदेशक ने इसी गुरुवार को कोराना के मद्देनजर सभी डीएसई व डीइओ को पत्र जारी कर दिया है। अगले आदेश तक प्रशिक्षण बंद करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अब अगले वित्तीय वर्ष में शेष शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
निष्ठा प्रशिक्षण स्थगित करने का निर्देश झारखंड परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दिया है। जारी पत्र में उन्होंने कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार के जारी आदेश का हवाला दिया है। निदेशक ने बताया है कि प्रशिक्षण से वंचित शेष शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राशि का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2020-21 के वार्षिक बजट में किया जा रहा है। निष्ठा प्रशिक्षण का संचालन अब आगामी वित्तीय वर्ष में किया जाएगा। व्यय के बारे में कहा है कि जिन जिलों में पूर्व में दिए गए अग्रिम के विरुद्ध अधिक व्यय किया गया है उन जिलों को राशि निर्गत की जा रही है।
----केआरपी, एसआरपी के भुगतान की अनुशंसा : पत्र में बताया गया है कि केआरपी व एसआरपी के लिए सभी राशि की व्यवस्था प्रावधानित है। ऐसे में सभी केआरपी व एसआरपी के लिए 300 रुपये प्रति कार्य दिवस के आधार पर अधिकतम 75 कार्य दिवस के लिए भुगतान की अनुशंसा निदेशक स्तर से की गई है। जिन केआरपी व एसआरपी के द्वारा अन्य प्रखंडों में भी प्रशिक्षण कार्य किया गया है उन्हें राज्य सरकार के नियमानुसार यात्रा भत्ता देय होगा। केआरपी व एसआरपी के भुगतान के लिए कार्य दिवस की वास्तविक गणना करते हुए प्रशिक्षण से संबंधित सभी भुगतान लंबित रहता है तो इसकी पूर्ति आगामी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध राशि से नहीं की जा सकेगी। लंबित भुगतान की पूर्ण जवाबदेही संबंधित जिला की होगी।
---जिले में 3000 में से 900 शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण : इस जिले में पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार को सभी छह प्रखंडों में प्राथमिक व मध्य विद्यालय के 3000 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना था। इनमें 15 फरवरी से 15 मार्च तक 900 शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें नारायणपुर, कुंडहित प्रखंड के शिक्षक समेत फतेहपुर प्रखंड के कुछ शिक्षक शामिल हैं। जबकि जामताड़ा, करमाटांड़ के शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं मिल पाया है। शेष शिक्षकों को अब अगले वित्तीय वर्ष में ही प्रशिक्षण की राह बन पाएगी।
----वर्जन : इस जिले में तीन हजार में नौ सौ शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विभागीय आदेश पर अब इसपर रोक लगा दी गई है। आवंटन की कमी नहीं है। बीस लाख रुपये प्रशिक्षण के लिए आवंटन मिला है। अब अगले वित्तीय वर्ष में जामताड़ा, करमाटांड़ प्रखंड समेत फतेहपुर के शेष शिक्षकों को निष्ठा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
संजय कापरी, एडीपीओ।