गले मिलने के बजाए दिल पर हाथ रख दिया मुबारकबाद
संवाद सहयोगी जामताड़ा जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को त्याग और बलिदान
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को त्याग और बलिदान का प्रतीक त्योहार बकरीद शांतिपूर्ण तरीके से मनायी गई। शारीरिक दूरी तथा मुंह में मास्क लगाने का अनुपालन कराने को लेकर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे। गश्ती वाहन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भ्रमण करते रहे। जिला नियंत्रण कक्ष में दंडाधिकारी पुलिस पदाधिकारी के अलावे महिला, पुरुष सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। जिला मुख्यालय समेत कतिपय ग्रामीण इलाकों में मस्जिद व ईदगाह में नमाज अदा नहीं की गई। जबकि कई ग्रामीण क्षेत्रों में शारीरिक दूरी अनुपालन के साथ मस्जिद में नमाज अदा की गई।
बकरीद की नमाज अपने-अपने घरों में अदा की गई और नमाज के बाद लोगों ने गले मिलने की बजाय दिल पर हाथ रख कर एक दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। मस्जिदों में भी इमाम ने दूरी का ध्यान रखते हुए सिर्फ 15 से 20 लोगों के साथ नमाज अदा कराई और कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने के लिए दुआ मांगी।
पाकडीह व सरखेलडीह जामा मस्जिद के इमाम हाफिज कमरुद्दीन ने बताया कि कोरोना संकट के कारण बकरीद का त्योहार हम सब ने अपने अपने घरों में ही मनाया। प्रशासन का आदेश है कि दूरी का पालन करें और घरों में रह कर नमाज अदा करें।
---- पहले की तरह त्योहार पर नहीं हुई खरीदारी : ईद के बाद बकरीद का त्योहार में भी लोगों ने खरीदारी नहीं की।
ईद-उल- जोहा यानी बकरीद पर्व को लेकर शनिवार को सुभाष चौक स्थित दर्जनों दुकानें सुबह से बंद रही। उन्होंने कहा कि कुर्बानी आत्मा को शुद्ध करने का एक उत्तम साधन है।