दूध उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की समृद्धि
जागरण संवाददाता जामताड़ा जिले के पशुपालकों को घर पर ही निश्शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की स
जागरण संवाददाता, जामताड़ा : जिले के पशुपालकों को घर पर ही निश्शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान करें ताकि उच्च गुणवत्ता तथा उत्तम नस्ल की संतति प्राप्त हो सकें। इससे न केवल दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी बल्कि पशुपालकों की आय में भी वृद्धि होगी। गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम फेज 2 के बेहतर क्रियान्वयन को ले उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए यह निर्देश दिया।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए कहा कि फेज 2 के अंतर्गत जिले में कुल 50 हजार गाय-भैंस में उन्नत नस्ल के सीमेन डोज से कृत्रिम गर्भाधान करवाना है जिसके लिए 500 ग्रामों का चयन किया गया है। राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना के अंतर्गत जिले के सभी पशुपालकों को प्रजनन योग्य गाय अथवा भैंस को उत्तम नस्ल के सीमेन की मदद से निश्शुल्क गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके घर-द्वार पर दुधारू पशुओं के लिए बेहतर कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदान कर, देसी मवेशियों व गायों की नस्ल में सुधार लाना है। इससे पशुओं में होने वाले रोगों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और वे कम बीमार पड़ेंगे। नस्ल सुधार के साथ गाय-मवेशियों के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होने से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
डीसी ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियन को 50 रुपये प्रति कृत्रिम गर्भाधान तथा 100 रुपये प्रति उत्पन्न संतति मानदेय प्रदान किया जाएगा। पशुपालकों की सुविधा के लिए कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियनों के नाम तथा फोन नंबर सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया। पशुपालकों की जानकारी के लिए वृहद स्तर पर अलग-अलग माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया। साथ ही जनप्रतिनिधि से भी सहयोग लेने को कहा ताकि योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।
मौके पर उप विकास आयुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि दूध का उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे आर्थिक समृद्धि की राह पर अग्रसर होंगे। इसके अलावा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को खेतों में गोबर से बनी खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने को कहा ताकि रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी।
मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. इंदू भूषण, पशु शल्य चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार, अवर प्रमंडल पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अरुण कुमार पांडेय, भ्रमणशील पशु चिकित्सक पदाधिकारी डॉ रितेश गुप्ता, भ्रमणशील पशु चिकित्सक करमाटांड़ डॉ. मुन्नी मुर्मू, भ्रमणशील पशु चिकित्सक पदाधिकारी बस्ती पालाजोरी डॉ. मेरी निशा तिग्गा आदि उपस्थित थे।