सेविका की मर्जी से चलता कुंडहित का मुड़ाबेड़िया आंगनबाड़ी केंद्र
कुंडहित (जामताड़ा) कुंडहित प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय हो या आंगनबांड़ी केंद्र भगवान भरोसे चलता है। केंद्र की सेविका अपने मनमर्जी से केंद्र चलाती हैं। विभाग का आदेश भी ताक पर रहता है। केंद्र में कागज पर कुछ और सरजमीन पर कुछ और ही देखने को मिलता है। कुंडहित प्रखंड के अंतिम छोर पर बंगाल सीमा से सटे मुड़ाबेड़िया आंगनबाड़ी केंद्र टू में बुधवार को ऐसा ही हाल दिखा।
कुंडहित (जामताड़ा) : कुंडहित प्रखंड मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय हो या आंगनबांड़ी केंद्र भगवान भरोसे चलता है। केंद्र की सेविका अपने मनमर्जी से केंद्र चलाती हैं। विभाग का आदेश भी ताक पर रहता है। केंद्र में कागज पर कुछ और सरजमीन पर कुछ और ही देखने को मिलता है। कुंडहित प्रखंड के अंतिम छोर पर बंगाल सीमा से सटे मुड़ाबेड़िया आंगनबाड़ी केंद्र टू में बुधवार को ऐसा ही हाल दिखा।
12:33 बजे दोपहर केंद्र खुला था जहां सहायिका शंकुतला गोप बाहर बैठी हुई थी। एक छह वर्ष का बच्चा एक नवजात को गोद में लेकर खेला रहा था। जबकि केंद्र में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। सहायिका शंकुतला से पूछने पर उन्होंने बताया कि सेविका सेफाली चासा के पति बाहर रहते हैं। बुधवार को घर आए हैं। इसलिए सेविका घर में है। जबकि केंद्र में बच्चों के बारे में पूछने पर बताई कि केंद्र में 30 बच्चा नामांकित हैं। कुछ बच्चा आए हैं जो बाहर खेलने गए हैं। जबकि आस-पास कुछ दूर तक कोई बच्चा नहीं था।
क्या कहते हैं ग्रामीण : नाम न छपने की शर्त पर मुड़ाबेड़िया डंगालपाड़ा के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र ऐसे ही चलता है। सेविका अपनी मनमर्जी के अनुसार केंद्र चलाती हैं। पोषाहार की भी वही कहानी है। ग्रामीणों ने इस बात को लेकर सहमे थे कि अगर सेविका सुन लेगी तो झगड़ा करेगी।
क्या कहते हैं अधिकारी : बाल विकास परियोजना के प्रधान लिपिक शंकुतला हेंब्रम ने बताया कि ग्रामीणों ने केंद्र की अनियमितता के बारे में जानकारी दी गई है। अगर केंद्र में सुधार नहीं हुआ तो सेविका के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
फोटो : मुड़ाबेडिया अंागनबाड़ी केंद्र 2 में एक भी बच्चा नहीं हैं।