Move to Jagran APP

अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार

जामताड़ा मंगलवार को झारखंड स्टेट बार कौंसिल के आह्वान पर पलामू में घटित घटना के विरोध में जामताड़ा जिला अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखा। बताया कि शनिवार 15 फरवरी को पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के प्रभारी प्रधान जिला जज द्वितीय पंकज कुमार द्वारा पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। गाली-गलौज के साथ-साथ कालर पकड़कर धक्का-मुक्की भी की गई थी। इसे लेकर अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल ऑफ झारखंड रांची को सूचना दी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:24 PM (IST)
अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार
अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार

जामताड़ा : मंगलवार को झारखंड स्टेट बार कौंसिल के आह्वान पर पलामू में घटित घटना के विरोध में जामताड़ा जिला अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखा। बताया कि शनिवार 15 फरवरी को पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के प्रभारी प्रधान जिला जज द्वितीय पंकज कुमार द्वारा पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। गाली-गलौज के साथ-साथ कालर पकड़कर धक्का-मुक्की भी की गई थी। इसे लेकर अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल ऑफ झारखंड रांची को सूचना दी। बार काउंसिल ऑफ रांची ने बैठक कर मंगलवार को पूरे राज्य के अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से अलग रहने की अपील की साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। इसके लिए एक टीम गठित कर घटना की जांच का आदेश दिया गया।

loksabha election banner

कहा कि पलामू अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने जिला जज पर मनमानी करने व समय पर बेंच में नहीं बैठने का आरोप लगाया है जिसे लेकर अक्सर जिला जज और अधिवक्ताओं के बीच कहासुनी होती थी। इधर पलामू के अधिवक्ता जिला जज पंकज कुमार की बर्खास्तगी पर डटे हुए हैं। जिला अधिवक्ता संघ के सचिव अभिजीत बोस ने कहा कि न्यायपालिका द्वारा कानून और संविधान पर आघात है। यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। अगर रक्षक ही इस तरह का बर्ताव करने लगे तो इस देश का क्या होगा। इस घटना की जितना भी निदा किया जाए कम है। इस मौके पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामकृष्ण मिश्र, उपाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, गणेश चंद्र चौधरी, पूर्व उपाध्यक्ष मोहनलाल बर्मन, पूर्व सचिव अनिल महतो, सतीनाथ मंडल, सौमित्र सरकार, समशूल होदा, वीजेंद्र कुमार सर्खेल, दिलीप कुमार गान, मुक्ता मंडल, मुकेश सिंह, भगवत सिंह, नंदन कुमार सिन्हा, अनवर अंसारी, समीर नाथ झा, प्रशांत पाल, विजय दुबे, लक्ष्मी दुबे, निमाई राय, बृजेंद्र नाथ माझी, कौशिक कुमार मिश्र, मुकुंद महतो, चंद्रशेखर सिंह, उज्ज्वल महतो, विशेश्वर महतो, बल्लाल सेन सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे।

---ये कार्य हुए प्रभावित : अधिवक्ताओं की ओर से कोर्ट का बहिष्कार किए जाने से दूर-दराज से पहुंचे वाद कार्यो का कार्य नहीं हो पाया। नारायणपुर केंदुआ से पहुंचे उस्मान अंसारी ने बताया कि आज अदालत में गवाह के लिए तारीख मुकर्रर की गई थी लेकिन काम नहीं हो पाया। आने के बाद बैरंग वापस होना पड़ा। वहीं जिला जज के अन्य न्यायालयों में जमानत अर्जी की सुनवाई नहीं हो सकी और न ही पक्ष-विपक्ष के लोग अपने वाद में बहस कर पाए। वाद कारी द्वारा दायर आवेदन पर कोई कार्य नहीं हो पाया। उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। निचली अदालत में भी जमानत की अर्जी सुनवाई नहीं हुई। चार्ज नहीं हुआ। पूर्ण रूप से न्यायालय का कार्य अधिवक्ताओं ने बाधित रखा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.