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अब डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग से साइबर क्राइम पर लगेगी रोक, झारखंड के 41 पुलिस अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग

साइबर अपराध और इसे अलग-अलग सोशल मीडिया प्‍लेटाफॉर्म से अंजाम देने वाले अपराधियों पर नकेल कसने के लिए 41 पुलिस अधिकारियों को रांची में डिजिटल एडवांस की ट्रेनिंग दी गई है ताकि वक्‍त रहते साइबर अटैक को रोका जा सके।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Wed, 17 May 2023 08:45 AM (IST)Updated: Wed, 17 May 2023 08:45 AM (IST)
अब डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग से साइबर क्राइम पर लगेगी रोक, झारखंड के 41 पुलिस अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग
डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग पाने वाले 42 पुलिस अधिकारियों की टीम।

कौशल सिंह, जामताड़ा। साइबर अपराध के लगातार बदल रहे स्वरूप को ध्यान में रखते हुए अब झारखंड के पुलिस महकमे ने भी अपनी तैयारी पुख्ता कर ली है। पुलिस टीम अब डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग के जरिए इस साइबर अपराध पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।

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41 जाबांजों को दी गई डिटिजल एडवांंस ट्रेनिंग

प्रदेशभर में पुलिस महकमे की ओर 41 पुलिस अधिकारियों को यह डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग रांची में दी गई। इनमें शामिल तीन पुलिस अधिकारी जामताड़ा के हैं। यह ट्रेनिंग अन्य ट्रेनिंग से अलग है। यह पूरी तरह से जामताड़ा जैसे साइबर अपराध से प्रभावित क्षेत्र पर नकेल कसने के मकसद से दी गई।

अब साइबर अपराध की पहले से ही लग जाएगी भनक

महकमे की ओर से यह ट्रेनिंग इन पुलिस अधिकारियों को 12 से 16 मई तक दी गई। जामताड़ा से इस ट्रेनिंग के लिए ट्रेनी आईपीएस राकेश कुमार सिंह, साइबर डीएसपी मजरूल होदा और इंस्पेक्टर अनिल लायक को शामिल किया गया है।

विश्वस्त पुलिस सूत्रों के अनुसार, झारखंड पुलिस अपराध के डिजिटल एविडेंस के साथ-साथ साइबर अपराध पर नकेल कसने के मकसद से अपने 41 डिजिटल जाबाजों की टीम तैयार कर रही है ताकि साइबर अपराध होने से पहले ही उसकी जानकारी पुलिस को आसानी मिल सके।

डिजिटल अपराधशैली पर आसान हो सकेगी पकड़

इस ट्रेनिंग का मकसद पुलिस अधिकारियों को डिजिटल अपराधशैली के नए तरीकों से अवगत करवाकर इन्हें पारंगत बनाना है। इसमें पैथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, मशीन लर्निंग और ओपन सोर्स इंटीलीजेंस जैसी चीजें शामिल हैं, जिसकी मदद से किसी भी सोशल मीडिया प्‍लेटाफॉर्म पर एक्टिव रहने वाले साइबर अपराधी को शिकंजे में आसानी से लिया जा सके। ऐसे अपराधियों की वक्‍त रहते पहचान हो जाने से आगे आने वाले समय में किसी बड़ी अनहोनी को टालने में मदद मिल सकती है।

दोषियों को दिलाई जाएगी कड़ी से कड़ी सजा

जामताड़ा के साइबर डीएसपी मजरूल होदा कहते हैं, इस डिजिटल एडवांस ट्रेनिंग का मकसद पुलिस टीम को साइबर अपराध के नए तौर तरीकों से अवगत कराना है।

साथ ही नई अपराधशैली के लिए आईपीसी की ओर से कौन-कौन सी धाराएं लगाकर इन्हें और ज्यादा से ज्यादा सजा कैसे दिलवाई जा सके, यह भी एक अहम पहलू है। लगातार बदल रही साइबर अपराध की शैली को रोक पाने में यह ट्रेनिंग काफी कारगर सिद्ध होगी।


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