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35 गांवों तक नहीं पहुंच पाया लघु जलापूर्ति योजना का पानी

जामताड़ा अनुसूचित जाति व जनजाति के 69 टोलों में सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निर्माण किया जाना था। स्वीकृत हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 35 गांवों में सोलर जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में इस गर्मी में फिर इस योजना के तहत पानी पहुंचना मुश्किल होगा और लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की खोज में बिलबिलाना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 07:04 PM (IST)
35 गांवों तक नहीं पहुंच पाया लघु जलापूर्ति योजना का पानी
35 गांवों तक नहीं पहुंच पाया लघु जलापूर्ति योजना का पानी

जामताड़ा : अनुसूचित जाति व जनजाति के 69 टोलों में सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का निर्माण किया जाना था। स्वीकृत हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 35 गांवों में सोलर जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में इस गर्मी में फिर इस योजना के तहत पानी पहुंचना मुश्किल होगा और लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की खोज में बिलबिलाना पड़ेगा।

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---प्रति योजना सवा चार लाख लागत : मालूम हो कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति टोलों में सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना कार्यान्वयन की जिम्मेदारी पेयजल स्वच्छता विभाग पर है। प्रत्येक योजना के लिए 4.26 लाख खर्च होना है। इसमें पांच साल तक ठेकेदार को योजना का रखरखाव भी करना है। 35 टोला में सोलर आधारित लघु जलापूर्ति योजना का निर्माण शुरू नहीं होने से उक्त गांव में पेयजल संकट उत्पन्न होने का भय ग्रामीणों को सता रहा है। पेयजल सुविधा विहीन अनुसूचित जाति व जनजाति के टोला व गांव का चयन कर इस योजना से उनकी प्यास बुझानी थी। इसी प्राथमिकता के आधार पर जलापूर्ति योजना निर्माण की स्वीकृति राज्य मुख्यालय से मिली थी। लेकिन स्वीकृत योजना अब तक धरातल पर पूरी नहीं हो पाई।

--- क्या मामला है : पिछले वर्ष जुलाई माह में राज्य सरकार ने जिले के 69 अनुसूचित जाति व जनजाति टोला में शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना निर्माण की स्वीकृति दी थी। विभागीय प्रक्रिया के तहत अनुभवी ठेकेदारों से योजना निर्माण का एकरारनामा किया गया था। लेकिन एक वर्ष गुजरजाने के बाद 69 योजना में से 30 योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है जबकि चार जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य अधर में लटका है। वहीं 35 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है। ठेकेदारों की माने तो निर्माण मद में आवंटन राशि का अभाव व निर्माण कार्य के अनुरूप राशि भुगतान नहीं होने के कारण निर्माण कार्य की गति सुस्त पड़ी है। कई ठेकेदार निर्माण कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे। जिन ठेकेदारों ने निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है वह भी भुगतान को लेकर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

--- वर्जन : स्वीकृत सभी लघु जलापूर्ति योजना का निर्माण शीघ्र ही पूर्ण कराने का विभागीय प्रयास जारी है। जिन ठेकेदारों ने अब तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया है, वैसे ठेकेदारों को अंतिम नोटिस भेजी गई है। नोटिस के माध्यम से निर्माण कार्य शुरू करने को कहा गया है। एक पखवारा के अंदर ठेकेदार निर्माण कार्य शुरू नहीं करेंगे तो स्पष्ट रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजते हुए अग्रेतर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। जहां निर्माण कार्य अधर में लटका है, वहां समस्या का निदान कर शीघ्र पूर्ण कराया जाएगा।

मदन मोहन सिंह, एसडीओ पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग।


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