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24 टैंक निर्माण की राशि निकाली पर नहीं बना एक भी टैंक

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड की पबिया पंचायत में मनरेगा योजना में घोटाला साम

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 08:03 PM (IST)
24 टैंक निर्माण की राशि निकाली पर नहीं बना एक भी टैंक
24 टैंक निर्माण की राशि निकाली पर नहीं बना एक भी टैंक

मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड की पबिया पंचायत में मनरेगा योजना में घोटाला सामने आया है। यहां मनरेगा योजना के 24 नाडेफ टैंक के पैसे की निकासी महीनों पूर्व हो गई और धरातल पर एक भी काम नहीं हुआ। इस योजना में 2 लाख 40 हजार रुपये मजदूरी एवं सामग्री मद में भुगतान हो चुका है। यह मामला तब उजागर हुआ जब इस पंचायत के विभिन्न गांव में ग्रामीण विकास विभाग के सामाजिक अंकेक्षण दल योजनाओं का अंकेक्षण किया।

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रविवार को टीम लीडर जितेंद्र कुमार एवं रामा सरदार ने काशीटांड़, पतियोरडीह, जबरदहा आदि गांव का दौरा कर लाभुकों से बात की। सदस्यों ने एक-एक योजना की खोज की। इन गांवों में एक भी नाडेफ टैंक धरातल पर नहीं मिला। यहां के लाभुक परिमल बेसरा, धकरण हेम्ब्रम, प्रयाग रवानी, मंजू देवी, बसोनी मरांडी, सोम मुर्मू, गो¨बद पंडित ने टीम को बताया कि उन्हें बहुत पहले एक बार गोबर रखने को नाडेफ टैंक के बारे में पंचायत के कर्मी ने बताया था। इसके बाद यह योजना कब स्वीकृत हुई और कब इसके निर्माण के लिए पैसे की निकासी हुई। उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सवाल किया कि जब हमारे यहां नाडेफ टैंक बना ही नहीं तो पैसे किस एवज में मनरेगा की एजेंसी ने भुगतान किया।

इधर पड़ताल करने पर पता कि इन योजनाओं का एमवी बन चुका है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब धरातल पर योजना बनी ही नहीं तो कनीय अभियंता किस परिस्थिति में एमबी बना कर आगे बढ़ा दिए। संबंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उसकी प्रक्रिया रोजगार सेवक, पंचायत सचिव, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता एवं अन्य अधिकारी तक के संज्ञान में होती है, फिर इतने लंबे चैनल होने के बाद भी 24 योजना सिर्फ कागज कलम पर ही है पूरी कर दी गई। यह बड़ी गड़बड़ी को दर्शाता है। सदस्यों ने कहा कि यहां योजनाओं के नाम पर बड़ा घोटाला है। सोशल टीम के सदस्य ने हीरापुर गांव में रुबिलाल मुर्मू का डोभा निर्माण कार्य का भी सत्यापन किया। यह डोभा जेसीबी मशीन से बने मिले। सदस्यों ने बताया कि मनरेगा में मशीन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, परंतु इस योजना में जेसीबी का इस्तेमाल साफ-साफ दिख रहा है। यहां मनरेगा के नियमों की अवहेलना की गई। टीम ने कहा कि मनरेगा मजदूरों के लिए ही है। इसके एक्ट के उल्लंघन पर बड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। टीम एक-एक योजना को ग्राम सभा में ले जाएगी। इसमें व्याप्त गड़बड़ी ग्रामीणों के बीच रखी जाएगी। टीम में रवींद्र हेम्ब्रम, ताला मरांडी, बरुन किस्कू, हेमालिनी मुर्मू आदि शामिल थे।


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