23 करोड़ की शहरी जलापूर्ति योजना पांच वर्ष में भी अधूरी
जामताड़ा नपं जामताड़ा क्षेत्र के लोगों को आनेवाली गर्मी में फिर पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। इस समस्या को लेकर शहरवासी के साथ नपं कर्मी भी चितित हैं।शहरी क्षेत्र में कुल 16 वार्ड है। कुल 6000 परिवार निवास करते हैं। लेकिन वर्तमान समय में लगभग 4000 घरों में ही पानी पहुंच रहा है। ऐसे में दो हजार लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि शेष निर्माण कार्य पूर्ण कराने को लेकर पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग एवं नपं प्रयासरत है पर परिणाम अब तक सिफर रहा है। हैंडओवर के पेंच में फंसी यह योजना अब तक अधूरी ही पड़ी है।
जामताड़ा : नपं जामताड़ा क्षेत्र के लोगों को आनेवाली गर्मी में फिर पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। इस समस्या को लेकर शहरवासी के साथ नपं कर्मी भी चितित हैं।शहरी क्षेत्र में कुल 16 वार्ड है। कुल 6000 परिवार निवास करते हैं। लेकिन वर्तमान समय में लगभग 4000 घरों में ही पानी पहुंच रहा है। ऐसे में दो हजार लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि शेष निर्माण कार्य पूर्ण कराने को लेकर पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग एवं नपं प्रयासरत है पर परिणाम अब तक सिफर रहा है। हैंडओवर के पेंच में फंसी यह योजना अब तक अधूरी ही पड़ी है। शहरी क्षेत्र के कई इलाकों में पाइपलाइन की कमी से लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है।
----जलापूर्ति से ये वार्ड अछूते : नगर पंचायत स्थित शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 में दुमका रोड स्थित बिजली कॉलोनी, वार्ड संख्या 8, वार्ड 15 में स्थित मेन बाजार, वार्ड संख्या 9 न्यूटाउन, वार्ड संख्या 10 सरखेलडीह, वार्ड संख्या 11 के साहना, वार्ड संख्या 13 में कोर्ट रोड के अलावा मिहिजाम जामताड़ा रोड स्थित श्याम मंदिर मोहल्ला में अब तक जलापूर्ति पाइप बिछाने व कनेक्शन देने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। 8 किलोमीटर क्षेत्र में जलापूर्ति पाइप लाइन बिछाने पर ही इन इलाकों की प्यास बुझ सकती है।
-- हर माह 500 से 1000 रुपये पानी में खर्च : शहर स्थित जिन मोहल्लों में जलापूर्ति की सुविधा नहीं है, वहां के परिवारों को पानी के लिए प्रति माह 500 से 1000 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। छोटे परिवारवाले को 500 रुपये जबकि बड़े परिवारवाले को 1000 रुपये पानी खरीदना पड़ रहा है। दिन प्रति दिन बढ़ रही मंहगाई में लोग घरेलू उपयोग के सामान खरीदने में परेशान हैं वहीं अब पानी भी खरीदना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि उन्हें पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। अगर जलापूर्ति का संयोग मिलता तो कम ही खर्च होते।
वंचित इलाकों को गर्मी में बढ़ेगी परेशानी : जलापूर्ति सुविधा से वंचित दो हजार घरों के लोग कुआं, चापाकल आदि जलस्त्रोतों पर प्यास बुझाने को निर्भर रहते हैं। नपं क्षेत्र में करीब 375 चापाकल हैं। लेकिन जल स्तर पताल चले जाने से दर्जनों चापाकल गर्मी में पानी देना बंद कर देते हैं। प्रचंड गर्मी में शेष चापाकल भी पानी देने में अक्षम साबित होता रहा है।
--- क्या कहते है शहरवासी : गायछांछ निवासी कैलास बोगी, नरोत्तम मंडल, थाना रोड निवासी सरोज मिश्रा,कोशिक कश्यप,सहना निवासी रामचंद्र सिंह, प्रकाश मंडल, दुमका रोड निवासी चंद्रिका देवी, सरोजनी हांसदा समेत कई अन्य ने बताया की पिछले वर्ष 2014 में जब वृहद जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो उम्मीद जगी की अब दूषित पानी पीने से मुक्ति मिलेगी। लेकिन निर्माण कार्य शुरू हुए आठ वर्ष गुजर जाने के बाद भी शहर के कई मोहल्लों को पानी नहीं मिल पाया है। शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण जहां सुबह बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होती है, वहीं गृहिणियों को समय पर नास्ता-भोजन बनाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
---40 वर्ष की आबादी को ध्यान में रखकर बनी थी योजना : आगामी 40 वर्ष बाद शहर की बढ़नेवाली आबादी के अनुरूप वृहद जलापूर्ति योजना के लिए डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य शुरू किया गया था। वर्ष 2012 में 23 करोड़ 44 लाख 90 हजार 800 रुपये का डीपीआर तैयार किया गया था। स्वीकृति मिलने के उपरांत 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। अब तक निर्माण कार्य में 18 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। जबकि कई क्षेत्रों में जलापूर्ति पाइप बिछाने का काम शुरू ही है।
---वर्जन : संबंधित एजेंसी ने योजनागत कार्य पूरा कर लिया है। पेयजल आपूर्ति योजना को नपं को जलापूर्ति के लिए हस्तगत भी किया जा चुका है। कई क्षेत्रों में पाइप बिछाने समेत अन्य कार्य शेष हैं। इसके लिए विभाग ने राज्य मुख्यालय को पत्राचार किया है। निर्देश प्राप्त होने पर आवश्यक कार्य किया जाएगा। ---मदन मोहन सिंह, सहायक अभियंता,पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ।
---- सरकार की ओर से अधिकृत एजेंसी ने जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य अधर में छोड़ रखा है। इस वजह से दर्जनों मोहल्ला में जलापूर्ति कार्य बाधित है। वंचित मोहल्लों में जलापूर्ति शीघ्र शुरू कराने को राज्य मुख्यालय को पत्राचार कर ध्यान आकृष्ट कराने का काम किया गया है।
---रीना कुमारी, नपं अध्यक्ष।