जकात के पैसे से युवाओं को कराएं रोजगार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हर मुसलमान को रमजान में जकात निकालना जरूरी है। लोग जकात निकालें और अपने
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हर मुसलमान को रमजान में जकात निकालना जरूरी है। लोग जकात निकालें और अपने मोहल्ले में एक समूह बना लें। समूह के लोग जकात की सारी रकम एक जगह जमा करें। इस रकम से मोहल्ले के किसी गरीब युवा किया महिला या विधवाएं जो छोटे-मोटे कारोबार कर अपना घर चलाती हैं। उनको रोजगार कराएं। जकात का यह पैसा अगर उनके कारोबार में लगा दिया जाएगा। तो इससे बरकत भी होगी और उसका कारोबार चल निकलेगा। इस तरह उस शख्स की एक ही ईद नहीं बल्कि हमेशा की ईद खुशियों में बीतेगी। मसलन अगर एक मोहल्ले के 20 लोग जमा हो जाएं और मान लीजिए कि वह लोग 5000 रुपये प्रति व्यक्ति जकात निकालते हैं। तो इस तरह एक लाख रुपये जमा होंगे। मोहल्ले में कोई विधवा चूड़ी बेचकर या सब्जी बेचकर या कपड़े की फेरी कर अपना परिवार चलाती है और पूंजी नहीं होने की वजह से कारोबार में इजाफा नहीं कर पा रही है। उसे अगर जकात कि यह 100000 रुपये की रकम मिल जाएगी। तो इससे वह अपना कारोबार बढ़ा सकेगी। इसी तरह कोई युवक जो पहले से अपना छोटा मोटा कारोबार कर रहा है। उसे भी यह रकम देकर हम उसके कारोबार में इजाफा कर सकते हैं। अगर सारे लोग यह फॉर्मूला अपना लें। तो आने वाले वक्त में लोगों की गरीबी और बेरोजगारी दूर होगी। जकात देने का हुक्म कुरान में आया है। लोगों को अपनी आमदनी का 2ण्50 फीसद हिस्सा गरीबों को दान करना चाहिए। इसी दान को जकात कहते हैं। जकात हर मुसलमान पर फर्ज है जो बालिग हो और कमाता हो।
मोहम्मद शमीम, उलीडीह खानकाह मानगो