शिक्षक ईश्वर का स्वरूप : कुणाल
शिक्षक ईश्वर का स्वरूप है। शिक्षक ही है जो सामूहिक प्रयास से समाज की
संवाद सूत्र, गालूडीह : शिक्षक ईश्वर का स्वरूप है। शिक्षक ही है जो सामूहिक प्रयास से समाज की आधारभूत संरचना को बेहतर तरीके से स्थापित करता है। जेके बीएड कॉलेज में आयोजित राज्य स्तरीय माध्यमिक शिक्षक संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाड़ंगी ने उक्त बाते कही। वह हर इंसान शिक्षक है जो हमको व समाज को शिक्षा देता है। समाज में शिक्षक की तुलना वेतन से ही किया जा सकता है। वर्तमान सरकार शिक्षक एवं शिक्षा का बाजारीकरण करने पर तुला हुआ है। कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल बंद कराया जा रहा है, जबकि प्रत्येक दिन मुहल्ले में निजी स्कूल खुल रहा है इस पर रघुवर सरकार का ध्यान नहीं है। कहा कि शिक्षा पर वित्तरहीत नीति शिक्षा के लिए एक कलंक है इसे सरकार बंद करे। राज्य सरकार उद्योगपतियों से मिलकर शिक्षा का निजीकरण करने की साजिश कर रही है। सरकार की ऐसी नीति है कि सर दर्द हो तो उसका सर काट दो। ना सर रहेगा और न ही दर्द। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल बंद कराकर बच्चों के भविष्य को अंधकारमय कर रही है। जो भी स्कूल खुला व भाजपा के शासन काल में ही खुला है, ऐसा क्या हुआ कि स्कूलों को विलय करने की जरूरत पड़ गई। कहा कि सरकार से लड़ने के लिए एकजुटता बनाएं रखे, निश्चित रूप से शिक्षकों की समस्याओं का समाधान होगा। कार्यक्रम को संघ के अध्यक्ष जगरानी कुजूर, प्रधान महासचिव सुनील सिन्हा, महासचिव प्रद्युमन पांडेय, जामनी कांत महतो सहित अन्य कई लोगों ने संबोधित करते हुए विधायक की सराहना की। कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथि द्वारा दीप जलाकर किया गया। मौके पर कॉलेज की छात्राओं द्वारा बनाया गया मूर्ति विधायक को भेट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से दिलीप कुमार घोष, कुंदन कुमार ¨सह, राजा राम ¨सह, डॉ. कल्याण कबीर, डॉ. सोनाली राय, जितिका, पूनम कुमारी, संजू राय सहित अन्य कई शामिल थे।