Move to Jagran APP

मैं अकेला ऐसा शख्स था जो हाफ पैंट में करीम सिटी में फिल्म देखने जाता था : इम्तियाज

एक्सएलआरआइ के एनसेंबल-वलहल्ला के पहले दिन आइडिया समिट के दौरान परिचर्चा हुई। इसमें जमशेदपुर से जुड़े फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली अभिनेता अपारशक्ति खुराना अभिनेत्री मिथिला पालकर ने अपने मन की बातें रखी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 05:00 AM (IST)
मैं अकेला ऐसा शख्स था जो हाफ पैंट में करीम सिटी में फिल्म देखने जाता था : इम्तियाज
मैं अकेला ऐसा शख्स था जो हाफ पैंट में करीम सिटी में फिल्म देखने जाता था : इम्तियाज

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एक्सएलआरआइ के एनसेंबल-वलहल्ला के पहले दिन आइडिया समिट के दौरान परिचर्चा हुई। इसमें जमशेदपुर से जुड़े फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली, अभिनेता अपारशक्ति खुराना, अभिनेत्री मिथिला पालकर ने अपने मन की बातें रखी।

loksabha election banner

पहली फिल्म देखने के सवाल पर इम्तियाज ने कहा कि मैं अकेला ऐसा शख्स था जो हाफ पैंट पहनकर करीम सिटी में फिल्म देखने जाता था। कोई रोकता नहीं था, चूंकि मुझे वहां के लोग पहचानते थे। हॉल के अंदर लोगों का पान खाकर थूकना, सीटी मारना ये सब देखते रहता था। मजा आता था, क्या फिल्म पहली बार देखा? यह याद नहीं। हां, रेखा-अमिताभ पर फिल्माया गया परदेशिया तूने मेरा दिल ले लिया पर झूमता जरूर था। पोस्टर टांगने के सवाल पर इम्तियाज ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूल लाइफ में स्टेफी ग्राफ का एक बड़ा पोस्टर अपनी अलमारी में साटकर रखा था। कपिलदेव का पोस्टर भी साटा था। लाइफ में फिल्मी डायलॉग के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह अंदाज अपना-अपना है। कभी कभार अपने अंदाज में फिल्मी डायलॉग जुबां पर आ ही जाते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मों में व्यवहार और मोरालिटी दिखनी चाहिए। दर्शकों के बारे में उन्होंने कहा कि फिल्ममेकर से बड़े दर्शक होते हैं। दर्शकों की सोच पर फिल्ममेकर फिल्म बनाते हैं।

अभिनेता अपारशक्ति खुराना ने कहा कि उन्होंने पहली फिल्म तेजाब देखी थी, जो ठीक से याद नहीं है, जो फिल्म याद है वह है दिल है कि मानता नहीं। उन्होंने कहा कि आंद्रे अगासी का पोस्टर अपनी रूम में लगाया था। कॉलेज लाइफ में मोहब्बते के अंदाज में डायलॉग बोलते थे। फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा कि फिल्में संदेश देने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म तमाशा ने मेरे जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाई। मेरी सोच को परिवर्तन करने में इस फिल्म का बहुत बड़ा योगदान है। अभिनेत्री मिथिला ने कहा कि फिल्मों में भी नैतिकता दिखनी चाहिए। अपनी कला के साथ इंसाफ करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.