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World Rabies Day : सावधान! शहर में 25 हजार लावारिस कुत्ते, हर माह बना रहे 2400 लोगों को अपना शिकार

World Rabies Day विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में हर साल 59000 लोगों को मौत रेबीज से होती है। उनमें से 90 प्रतिशत रेबीज से संक्रमित कुत्ते के काटने से होता है। वहीं भारत में हर वर्ष लगभग 20 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है।

By Amit KumarEdited By: Jitendra SinghPublished: Wed, 28 Sep 2022 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 01:00 PM (IST)
World Rabies Day : सावधान! शहर में 25 हजार लावारिस कुत्ते, हर माह बना रहे 2400 लोगों को अपना शिकार
World Rabies Day : शहर में 25 हजार लावारिस कुत्ते, हर माह बना रहे 2400 लोगों को अपना शिकार

अमित तिवारी, जमशेदपुर : कुत्ता, बिल्ली व बंदर कभी भी काटे तो उसे नजरअंदाज नहीं करें बल्कि 24 घंटे के अंदर डाक्टर को दिखाकर इंजेक्शन लेना चाहिए। चूंकि इसमें देरी होने से आप रेबीज के शिकार हो सकते हैं और जान तक जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर झाड़फूक के चक्कर में फंस जाते हैं। नतीजा उन्हें जान तक गंवानी पड़ती है। ऐसे में जब भी आप इन जानवरों के शिकार हो तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं।

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हर साल 60000 लोग रेबीज से मर जाते हैं

कई बार इन जानवरों के चाटने से भी रेबीज हो जाता है। ऐसे में लावारिस जानवरों से दूरी बनाए रखें। क्योंकि आपको पता नहीं होता कि वे किस संक्रमण की चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में हर साल 59,000 लोगों को मौत रेबीज से होती है। उनमें से 90 प्रतिशत रेबीज से संक्रमित कुत्ते के काटने से होता है। वहीं, भारत में हर वर्ष लगभग 20 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती है। जमशेदपुर में हर माह 2400 से अधिक लोग रेबीज का इंजेक्शन लेते हैं।

रोजाना 80 से अधिक लोगों को काट रहे कुत्ते

एक सर्वे के अनुसार, शहर में लावारिस कुत्तों (स्ट्रीट डाग) की संख्या 25 हजार है। शहर को चार जोन में बांट कर ये सर्वे किया गया था। वहीं, कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम का आंकड़ा देखा जाए तो यहां रोजाना 30 से 40 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लेने पहुंचते हैं।

इसमें करीब 20 नए मामले होते हैं। इसके अलावा टीएमएच, सदर अस्पताल, नौ सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) व 18 पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), रेड क्रास भवन सहित अन्य छोटे-बड़े अस्पतालों में भी कुत्ते काटने के मामले पहुंचते हैं।

इन सभी अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो रोजाना लगभग 80 से अधिक लोगों को कुत्ता काट रहे हैं। यानी हर माह 2400 से अधिक लोग शिकार हो रहे हैं। अच्छी बात यह है कि जिले में एंटी-रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अन्यथा मरीजों को भटकना पड़ता।

डाग बाइट के तीन ग्रेड खतरनाक

ग्रेड वन : अगर कुत्ता प्यार से भी चाटता है, तो होशियार हो जाएं। अगर कुत्ते में रेबीज का इंफेक्शन है तो शरीर में भी रेबीज के वायरस आने की आशंका बनी रहती है। खासकर अगर कुत्ते ने शरीर के उस कटे हुए हिस्से को चाट लिया हो।

ग्रेड टू : कुत्ते के काटने के बाद स्किन पर उसके एक या दो दांतों के निशान दिखाई दे तो एहतियात बरतना जरूरी है। कुत्ते के काटने की अनदेखी घातक हो सकती है। रेबीज का वायरस एक बार शरीर में जाकर सालों तक रह जाता है।

ग्रेड थ्री : आमतौर पर कुत्ता हाथ, पैर या चेहरा में से किसी एक जगह पर ही काटता है। हाथ या चेहरे पर काटने के बाद एक भी गहरा निशान बनता है तो यह खतरनाक है।

किस क्षेत्र में कितने लावारिस कुत्ते

  • जमशेदपुर (टिस्को क्षेत्र) : 10,194
  • आदित्यपुर : 7,203
  • मानगो : 6,968
  • जुगसलाई : 410

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