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30 साल से ज्यादा समय से कार्यरत मजदूरों को दिखाया बाहर का रास्ता Jamshedpur News

JUsco. जब से टाटा मोटर्स के सिविल कार्य को जुस्को द्वारा किया जा रहा है रोज कोई न कोई समस्या उत्पन्न हो रही है। जुस्को के ठेका मजदूरों की हड़ताल जारी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 11:23 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 12:41 PM (IST)
30 साल से ज्यादा समय से कार्यरत मजदूरों को दिखाया बाहर का रास्ता Jamshedpur News
30 साल से ज्यादा समय से कार्यरत मजदूरों को दिखाया बाहर का रास्ता Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  Jusco जुस्को के ठेका मजदूरों की हड़ताल जारी है। ये टाटा मोटर्स के टेल्को एनुअल कॉन्ट्रैक्टर (एआरसी) मजदूर पिछले 30 साल से ज्यादा समय से कंपनी में सिविल मेंटेनेंस कार्य करते हैं। यहां ठेकेदार बदल दिए जाते हैं लेकिन मजदूर आज तक नहीं बैठाये गए। लेकिन, इधर जब से टाटा मोटर्स के सिविल कार्य को जुस्को द्वारा किया जा रहा है रोज कोई न कोई समस्या उत्पन्न हो रही है।

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यहां के ठेका मजदूरों ने जुस्को के कार्यों पर अंगुली उठाते हुए कहा है कि अब मजदूरों को काम से बैठाया जा रहा है, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। तीसरे दिन शुक्रवार को भी ठेका मजदूरों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए टेल्को जुस्को कार्यालय समक्ष धरने पर बैठे हैं। इनके नेतृत्व का भार कांग्रेसी नेता आनंद बिहारी दूबे ने उठाया है। आनंद बिहारी ने टाटा मोटर्स  व जुस्को प्रबंधन से मजदूरों की मांग पर सुनवाई करने की मांग की है।

ये है मजदूरों की जुस्को से मांग

1 55 साल से ज्यादा उम्र के जिन मजदूरों को काम से बैठाया गया है, उनके जीवकोपार्जन की व्यवस्था की जाए तथा 60 साल उम्र का हवाला देते हुए जिन 20 मजदूरों को काम से बैठा दिया गया है उन्हें भी सेटलमेंट दिया जाए। ये सभी मजदूर विगत 30 -35 वर्षों से भी ज्यादा अवधि से मेंटेनेंस का कार्य कर रहे हैं। 

2 जुस्को द्वारा जिन ठेका कंपनियों को कार्य पर लगाया गया है उन कंपनियों से पीएफ काटने के बाद उसे जमा कराया जाए। पिछले दिसंबर महीने के बाद से आज तक पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया।  दूसरी ठेका कंपनी मोहन ठाकुर के द्वारा गलत तरीके से पूरे महीने काम करने वाले कामगारों का भी मात्र 18 से 20 दिन का पीएफ एवं ईएसआई का पैसा जमा किया जाता है। 

3 जुस्को के द्वारा नियुक्त ठेका कंपनियों के सुपरवाइजरों को न्यूनतम वेतन दिया जाए। मजदूरों को भी सरकारी सुविधाएं प्राप्त हो। 

4 जून महीने में लॉकडाउन के नाम पर सभी मजदूरों को बैठा कर रखा गया परंतु उस पीरियड का वेतन भी मजदूरों को नहीं दिया गया। लॉकडाउन का पूरा पैसा  दिलाया जाए।


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