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मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ग्रहण

जमशेदपुर में बन रहे राज्य के दूसरे सरकारी इंजीनिय¨रग कॉलेज के निर्माण का कार्य धीमी गति से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 02:29 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 02:29 PM (IST)
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ग्रहण
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ग्रहण

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यह मुख्यमंत्री रघुवर दास का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सभी संबंधित पदाधिकारियों की इसपर पैनी नजर भी है। बात हो रही है राज्य के उस दूसरे सरकारी इंजीनिय¨रग कॉलेज की जिसे जमशेदपुर में तैयार किया जा रहा है। बारीडीह स्थित बारा फ्लैट के पास बन रहे राज्य के दूसरे सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण कार्य की मंद गति सरकारी कामकाज के ढर्रे को लेकर आम धारणा को पुष्ट करती दिख रही है। निर्माण कार्य की गति को देख यही लग रहा है कि पूर्व घोषणा के अनुरूप अगले सत्र से यहां पठन-पाठन शुरू होना संभव नहीं है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान झारखंड की ओर से करीब 26 करोड़ रुपये की लागत से इस इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है। इसे बनाने वाली संस्था झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड है। अब तक सिर्फ कॉलेज के हॉस्टल का निर्माण कार्य ही पूरा हो पाया है। सबसे महत्वपूर्ण एकेडमिक भवन के निर्माण का सिर्फ 50 फीसद काम ही पूरा हुआ। हालाकि निर्माण कार्य कर रही एजेंसी का अब भी यही दावा है कि तय तिथि तक निर्माण पूरा कर रूसा को सौंप देंगे। व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो यह संभव नहीं लग रहा। माना जा रहा है कि सरकार 2019 के चुनाव से पहले इस कॉलेज का उद्घाटन कर इसे अपने एक बड़ी उपलब्धि में गिनाना चाहती है। यहीं नहीं रूसा के अधिकारियों को भी अब तय समय पर निर्माण कार्य पूरा होने में संदेह है। ऐसे में वे संबंधित एजेंसी को कुछ और समय देने के बारे में विचार किया जा रहा है।

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लड़कों का हॉस्टल बना, ग‌र्ल्स हॉस्टल का निर्माण जारी: इंजीनिय¨रग कॉलेज की निर्माण प्रक्रिया के प्रथम चरण में ब्वॉयज हॉस्टल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सिर्फ फिनिशिंग बाकी रह गई है। फिनिशिंग होने के बाद दूसरे चरण में लड़कियों के लिए हॉस्टल का भी निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। ग‌र्ल्स हॉस्टल भी करीब 100 बेड का बनेगा।

नाला भी नहीं बन पाया: बारीडीह का नाला भी इसी इंजीनिय¨रग कॉलेज के बीचो-बीच है। इस नाला को दूसरी तरफ मोड़ने का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इसके लिए कई संगठन मांग कर चुके हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह भवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

शिक्षक-कर्मचारी नियुक्ति को भेजा जा चुका प्रस्ताव: पूर्व में तय प्रक्रिया के अनुसार पहले इस कॉलेज में इसी वर्ष से पढ़ाई शुरू कराने की योजना थी। निर्माण कार्य में हो रही देरी को देखते हुए अब सत्र 2019-20 से पढ़ाई प्रारंभ होने की बात कही जा रही है। इसके कर्मचारी व शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। एनसीटीई को इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर, मेकेनिकल सहित छह ट्रेडो की पढ़ाई शुरू होगी। एक-एक कोर्स में 120 सीट संख्या का निर्धारण किया गया है।

क्या कहते हैं नोडल पदाधिकारी: रूसा के नोडल पदाधिकारी डॉ शभु दयाल सिंह ने कहा कि इंजीनिय¨रग कॉलेज के निर्माण का जिम्मा संभाल रही एजेंसी को निर्धारित समय तक तक कॉलेज का निर्माण पूरा कर हैंडओवर करने को कहा गया था। जो प्रगति रिपोर्ट मिल रही है। उसके तहत निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा हो पाना संभव नहीं लगता। हालाकि निर्माण एजेंसी द्वारा हमें समय पर काम पूरा करने का आश्वासन दिया जा रहा है। व्यावहारिक स्थिति को देखते हुए उन्हें हम कुछ और समय देंगे।


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