टीएमएच के सीसीयू में भाई को लक्ष्मी ने सुनाई थी घटना की कहानी
टाटा स्टील प्लांट में पूर्व प्रेमी के हमले में घायल महिला ठेका मजदूर लक्ष्मी सोरेन ने शनिवार को ही टीएमएच के सीसीयू में अपने छोटे भाई रामदास सोरेन को घटना के बारे में बताया था।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील प्लांट में पूर्व प्रेमी के हमले में घायल महिला ठेका मजदूर लक्ष्मी सोरेन ने शनिवार को ही टीएमएच के सीसीयू में अपने छोटे भाई रामदास सोरेन को घटना के बारे में बताया था। मेघनाथ ने बताया कि लक्ष्मी ने अपने भाई को बताया था कि उस पर उसके सहकर्मी बादल हांसदा ने जानलेवा हमला किया था। लक्ष्मी के पिता मेघनाथ सोरेन ने बताया कि 15 फरवरी को दोपहर तकरीबन 12 बजे जानकारी मिली थी कि लक्ष्मी पर प्लांट के अंदर जानलेवा हमला हुआ है। इस पर उसने अपने बेटे रामदास सोरेन को इसकी जानकारी दी। रामनाथ सोरेन उस वक्त जमशेदपुर में ही था। वो फौरन अपनी बहन को देखने टीएमएच पहुंच गया। तब लक्ष्मी बात कर रही थी और उसने अपने भाई को घटनाक्रम के बारे में बताया था।
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टीएमएच के शीत गृह में रखा है शव
बुधवार की सुबह तकरीबन सवा 10 बजे टीएमएच प्रबंधन ने ठेका मजदूर लक्ष्मी सोरेन को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने लक्ष्मी सोरेन के शव को टीएमएच के शीत गृह में रखवा दिया है। लक्ष्मी सोरेन पर 15 फरवरी को टाटा स्टील प्लांट के डी ब्लास्ट फर्नेस के करीब उसके पूर्व प्रेमी और सहकर्मी सरायकेला के आरआइटी थाना क्षेत्र के काशीडीह गांव निवासी बादल हांसदा ने लोहे की राड से हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। कंपनी के अधिकारियों ने लक्ष्मी सोरेन को टाटा मेन हास्पिटल में भर्ती कराया था। यहां लक्ष्मी की न्यूरो सर्जरी की गई थी। लेकिन, उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी।
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आज नहीं हो सका पोस्टमार्टम
लक्ष्मी सोरेन का पोस्टमार्टम बुधवार को नहीं हो सका। बिष्टुपुर पुलिस ने लक्ष्मी के पिता मेघनाथ सोरेन से इस संबंध में बात की थी। इस पर स्वजनों का कहना था कि उनके कुछ रिश्तेदार बाहर रहते हैं। उनको खबर दे दी गई है। उनका इंतजार है। इसलिए बुधवार को पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका।
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गालूडीह के केसरपुर की रहने वाली थीं लक्ष्मी सोरेन
लक्ष्मी सोरेन गालूडीह के केसरपुर के मेघनाथ सोरेन की बेटी थीं। लक्ष्मी तीन बहन और एक भाई हैं। लक्ष्मी की मां भी इस दुनिया में नहीं हैं। लक्ष्मी से बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। छोटा भाई रामदास सोरेन है। उससे छोटी एक और बहन है।
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मुखिया डांगा में रेंट पर रहती थीं लक्ष्मी
लक्ष्मी सोरेन का घर गालूडीह के केसरपुर में है। लेकिन, टाटा स्टील में जॉब करने की वजह से लक्ष्मी सोरेन एनएच 33 के किनारे बसे गांव मुखिया डांगा में रहती थीं। यहां वो गंगा राम के घर में रेंट पर रहती थीं।
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लक्ष्मी सात साल से कंपनी में कर रही थी जॉब
लक्ष्मी सोरेन टाटा स्टील में सात साल से ठेका मजदूर के तौर पर काम कर रही थी। वो घर की अकेली कमाने वाली थी। वो पिता को 5000 रुपये प्रति माह देती थी, जिससे केसरपुर के घर का खर्च चलता था।
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पिता को नहीं थी प्रेम संबंध की जानकारी
टाटा स्टील की महिला ठेका मजदूर लक्ष्मी सोरेन के पिता मेघनाथ सोरेन ने बिष्टुपुर थाने में बात करते हुए कहा कि उन्हें बेटी के किसी से भी किसी तरह के संबंध की जानकारी नहीं थी। अगर, उन्हें जानकारी होती तो वो अपनी बेटी को समझाते और बादल जैसे लोगों से दूर रहने को कहते। नम आंखों से वो बोले कि उनकी बेटी दुनिया से चली गई।
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सोमवार को दर्ज हुआ था हत्या के प्रयास का मुकदमा
बिष्टुपुर पुलिस ने टाटा स्टील के सिक्योरिटी के अधिकारी ओलीडीह के संजय पथ न्यू सुभाष कॉलोनी निवासी रतन कुमार के आवेदन पर घटना के आरोपित बादल हांसदा के खिलाफ मारपीट और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। मंगलवार को पुलिस ने बादल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब लक्ष्मी की मौत के बाद इस केस में हत्या की धाराएं जुड़ जाएंगी।
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लक्ष्मी के परिवार को दी जाएगी मदद : टाटा स्टील
जासं, जमशेदपुर : लक्ष्मी सोरेन की मौत पर टाटा स्टील प्रबंधन ने अपना पक्ष रखा है। कंपनी ने लक्ष्मी की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि 15 फरवरी को ड्यूटी के दौरान उसके साथी ने लक्ष्मी पर जानलेवा हमला किया था। टीएमएच के ऑपरेशन के बाद क्रिटिकल केयर यूनिट में लक्ष्मी इलाजरत थी। लेकिन बुधवार सुबह दस बजकर 25 मिनट पर उसकी मौत हो गई। हमलावर पुलिस की गिरफ्त में है। कं पनी प्रबंधन लक्ष्मी के परिवार को कंपनी की नीति के तहत हर प्रकार का सहयोग व वैधानिक लाभ देने की बात कही है। टाटा स्टील ने कहा है कि वे अपने सभी कर्मचारियों को सुरक्षित कार्यस्थल देने के लिए सदैव प्रयासरत हैं।