बदल गए सचिव, अनुबंध से पहले दम तोड़ दिए डायटीशियन
सरकारी सिस्टम की पोल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सरकारी सिस्टम की पोल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खुल रही है। करीब डेढ़ साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी निरीक्षण करने आए थे। उस समय आहार विभाग में डायटीशियन के पद खाली होने पर उन्होंने तत्काल एमजीएम से सेवानिवृत डायटीशियन एनएन सिन्हा को अनुबंध पर रखने का निर्देश दिया था। इसके लिए एनएन सिन्हा ने प्रयास भी किया। पर, सरकारी सिस्टम के आगे वह विवश दिखे। एनएन सिन्हा को रांची निदेशालय से जमशेदपुर खूब दौड़ाया गया। पर, नियुक्ति उनकी नहीं हो सकी। इसके कुछ ही माह के बाद बीमारी से उनकी मौत हो गई। वहीं विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव भी बदल गए। अब सरकार के मुख्य सचिव बन गए है। पर, डायटीशियन के पद आज भी रिक्त पड़ा हुआ है।
नतीजा है कि रोजाना 450 से 500 मरीजों का तैयार हो रहे भोजन की जांच करने वाला कोई नहीं है। अलग-अलग रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए डायटीशियन के नेतृत्व में डाइट चार्ट तैयार की जाती है, उसके अनुसार मरीजों को भोजन परोसा जाता है। अस्पताल में 31 जुलाई 2016 से डायटीशियन का पद रिक्त पड़ा हुआ है। प्रबंधन का कहना है कि पद रिक्त होने की जानकारी विभाग को दी गई है।
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बिना लाइसेंस का चल रहा किचन, गंदगी का अंबार
अस्पताल का आहार विभाग बिना लाइसेंस के ही चल रहा है। किचन में गंदगी का अंबार है। पंखा भी टूटा हुआ है और कालिख की वजह से पूरा रूम ही काला पड़ गया है। फूड विभाग की ओर से यहां पर इस्तेमाल होने वाले खाद्य-पदार्थो की जांच बीते दस साल से नहीं की गई है। जबकि यह नियमित प्रक्रिया है।
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रिम्स में 150 और एमजीएम में मिलता है 50 रुपये
एमजीएम में प्रति मरीजों के भोजन पर रोजाना खर्च करने के लिए सिर्फ 50 रुपये उपलब्ध कराया जाता है। जबकि रांची रिम्स में 150 रुपये दिया जाता है। लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने से एक बार फिर से मेनू में कटौती कर दी गई है। शाम का नाश्ता बंद कर दिया गया है। आहार विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि एक ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में अलग-अलग राशि देकर मरीजों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
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आ रहीं स्वास्थ्य सचिव
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव निधी खरे एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने आ रही हैं। उनके आगमन की वजह से अस्पताल में अधिकारियों की सक्रियता नजर आई। शाम तक अस्पताल में चहल-पहल रही।
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क्या-क्या मिलता है मरीजों को
- नाश्ता : एक अंडा, एक केला, चार पीस ब्रेड व 250 ग्राम दूध।
- दोपहर का भोजन : 200 ग्राम चावल, 35 ग्राम दाल, 100 ग्राम हरी सब्जी व 50 ग्राम आलू।
- रात का भोजन : चार पीस रोटी, 35 ग्राम दाल, 100 ग्राम हरी सब्जी, 50 ग्राम आलू।
- सप्ताह में एक दिन सोमवार को प्रति मरीज को 100 ग्राम चिकेन दिया जाता था।