क्या सरयू राय बदल पाएंगे एमजीएम अस्पताल की सूरत Jamshedpur News
जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय के जीतने से एमजीएम अस्पताल के दिन फिरने की उम्मीद जगी है। जमशेदपुर पश्चिमी का विधायक रहते राय अस्पताल में सुधार की पहल करते रहे हैं।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। क्या सरयू राय महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सूरत बदल पाएंगे? उनके चुनाव जीतने के बाद एमजीएम में यह चर्चा जोरों पर है। चर्चा इसलिए भी है, क्योंकि सरयू राय बीते एक साल से अस्पताल में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि बावजूद इसके बहुत कुछ बदला नहीं। अब तो सरयू उसी विस क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं, जिस क्षेत्र में अस्पताल है। इसलिए उम्मीदें बढ़ी हैं।
सरयू ने रघुवर सरकार में मंत्री रहते पांच अप्रैल 2019 को सरयू पहली बार एमजीएम का निरीक्षण किया था। तब, मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव से फोन पर उन्होंने पूछा था कि एमजीएम का व्यवस्था ढंग से चलाने के लिए अबतक विभाग ने क्या किया। उसके बाद से अबतक करीब एक दर्जन से अधिक बार अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं।
सरयू राय के निरीक्षण का ये पड़ा असर
- 12 अप्रैल 2019 : वरीय रेजीडेंट डॉक्टर व ट्यूटर की सेवा विस्तार की पहल की। सेवा विस्तार दिया गया
- 19 अप्रैल : निरीक्षण करने पहुंचे। बोले-जबतक व्यवस्था नहीं सुधर जाता तबतक कोशिश जारी रहेगी।
- 29 अप्रैल : सरयू राय की पहल पर बर्न वार्ड में खराब पड़े एयर कंडीशन बनवाए गए।
- 29 मई : इमरजेंसी पहुंच कर्मचारियों की बहाली का निर्देश दिया। बहाली नहीं हुई।
- 24 जून : निरीक्षण कर सरयू बोले-सचिव अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी देकर लगाकर चल देते है, लेकिन किसी की जिममेवारी तय नहीं होती।
- 5 जुलाई : निरीक्षण कर बोले-छह माह पूर्व मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीन प्रशासनिक पदाधिकारी की नियुक्ति करने का निर्णय हुआ, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
- 28 जुलाई : सरयू राय को वहां के एमजीएम कर्मचारियों ने घेर लिया और सिस्टम में सुधार करने का आग्रह किया था।
- 17 अगस्त : सरयू राय ने सफाई कर्मियों की बहाली करने का निर्देश दिया था। अभी तक नहीं हुआ।
- 27 अगस्त : इमरजेंसी विभाग में ड्यूटी नहीं होने की सूचना मिलने के बाद सरयू राय पहुंचे थे और सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए बहाली करने का निर्देश दिया था।
स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए थे प्रस्ताव
- एमजीएम अस्पताल में आधे अधूरे बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजा। इसमें अबतक कुछ नहीं हुआ।
- एमजीएम अस्पताल, जूनियर हॉस्टल व डॉक्टर क्वार्टर को विकसित करने व पानी के लिए 41 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति प्रदान करने को लेकर विभाग को भेजा। यह मामला भी अबतक फंसा हुआ है।
- एमजीएम में तीन प्रशासक को बहाल करने के लिए प्रयास। अबतक विभाग के पास फंसी है प्रस्ताव की फाइल।
- ढांचागत विकास का भी प्रस्ताव
- डॉक्टर हॉस्टल नंबर-1 : पानी के कार्य पर कुल 38 लाख 91 हजार 400 रुपये खर्च किया जाए।
- डॉक्टर हॉस्टल नंबर-2 : पानी के कार्य के लिए 49 लाख 42 हजार 350 रुपये खर्च करने का प्रस्ताव
- एमजीएम कॉलेज के प्रमुख भवन : मरममतीकरण के लिए दिया था 83 लाख रुपये का प्रस्ताव।
- एएनएम हॉस्टल : एमजीएम अस्पताल में स्थापित एएनएम हॉस्टल पर कुल 60 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
- प्रशासनिक भवन : भवन मरम्मतीकरण का कार्य के लिए कुल 55 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
- डॉक्टर्स क्वार्टर : डॉक्टर्स क्वार्टर पर कुल 30 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव।
- स्टाफ क्वार्टर : स्टाफ क्वार्टर पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च किया जाए।
सरयू राय की सफलता
- सरयू राय ने मुखय सचिव व स्वास्थ्य सचिव से लगातार बात कर आउटसोर्स कर्मचारियों के रद किये गए पदों को दोबारा बहाल कराया। इसपर बहाली होनी है।
- सरयू राय की पहल पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए विभाग ने निरोया साफटवेयर एजेंसी से करार किया।
अस्पताल के सुधार के लिए सरयू राय ने दिए थे निर्देश
- सरयू राय ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि निचले पायदान पर कर्मचारियों की बहाली की जिममेवारी अस्पताल प्रबंधन को दी जाए। ताकि जरूरत के अनुसार रिक्त पदों को भरा जा सकें।
- अस्पताल में बेहतर चिकित्सा व व्यवस्था में सुधार के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। जो, साफ-सफाई से लेकर कर्मचारी व डॉक्टरों की कार्यशैली पर नजर रखेगी।
- सिस्टम के तहत अस्पताल चलें, इसपर कार्य करने की जरूरत है।
- सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन कम है, जिसे कैबिनेट में पास कराया जा सकता है। रांची रिमस में सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों का वेतन एक लाख दस हजार है। जबकि एमजीएम में 60 हजार रुपये मिलता है।