Jamshedpur east Election Result 2019 : हेमंत सरकार में भी गलत होगा तो टोकूंगा : सरयू Jamshedpur News
Jharkhand Election Result 2019.जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले सरयू राय ने इशारा कर दिया कि वह गलती पर आंख बंद नहीं करेंगे।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले सरयू राय ने इशारा कर दिया कि वह गलती पर आंख बंद नहीं करेंगे। मतगणना का अंतिम राउंड समाप्त होने से पहले सरयू राय ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि मैं तो निर्दलीय विधायक रहूंगा। हेमंत स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे, यह भी तय है।
चुनाव में हम दोनों ने एक-दूसरे का समर्थन किया, इसलिए स्वाभाविक रूप से हेमंत सरकार को मेरा समर्थन रहेगा। लेकिन यह सरकार भी जहां गलत करेगी, तो टोकूंगा। उसकी सकारात्मक आलोचना करूंगा। हेमंत पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे। वे युवा हैं। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे, तो उन्हें सबका समर्थन मिलेगा। सरकार को अस्थिर करने के लिए कतई कदम नहीं उठाऊंगा। मैं चाहूंगा कि सरकार बेहतर ढंग से चले, सबकी आकांक्षा पूरी हो। जनहित में काम हो।
रघुवर दास की हार पर सरयू ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की जनता के मन में जो आक्रोश था, वही फूट कर सामने आ गया। मालिकाना हक जैसा जो जमीनी मुद्दा था, उसे मुख्यमंत्री ने ना केवल भुला दिया, बल्कि उलटा स्टैंड ले लिया। पहले जो लोग उन्हें जिताते थे, वही इस बार हमारे साथ खड़े थे। जनता की आह जब लगती है, तो समय आने पर बदला ले लेती है। मुख्यमंत्री ने जो भी विज्ञापन छपवाया, उसे खुद ही पढ़ा। जो बात अखबार में नहीं छपती है, वह भी जनता के बीच पहुंचती है। मुख्यमंत्री को यह भ्रम था कि जनता उनके कार्यों से खुश है।
कभी हार न मानने वाले नेता हैं सरयू राय
सरयू राय को कभी हार नहीं मानने वाला नेता के तौर पर जाना जाता है। झारखंड की राजनीति में सरयू राय का पदार्पण वर्ष 2005 में तब हुआ जब रघुवर दास ने अपने सीटिंग विधायक और झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मृगेंद्र प्रताप सिंह का टिकट काटकर सरयू राय को टिकट दे दिया।
रघुवर और भाजपा ने जो विश्वास दिखाया उस पर सरयू राय खरे भी उतरे। जमशेदपुर पश्चिम सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता (34733 मत) को 12695 मतों से हराकर सरयू राय (47428 मत) से विजयी हुए। 2009 में बन्ना गुप्ता से चुनाव जरूर हारे लेकिन पार्टी में सक्रिय रहे। 2014 में फिर चुनाव लड़े और 10517 मत से जीत कर दोबारा विधायक बने और झारखंड कैबिनेट में मंत्री बने। लेकिन अपनी दूसरी पारी में उनका रघुवर दास से खटास बढ़ गई इसलिए नई सरकार के गठन के बाद वे कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए।