जानलेवा हमले के बाद भी सरयू ने क्यों नहीं कराई एफआइआर, उठ रहे सवाल
सरयू राय ने अपने समर्थकों को थाने में एफआइआर दर्ज कराने से मना कर दिया। इस तरह की घटना उनके कार्यालय में पहली बार हुई थी जिससे हर कोई हतप्रभ है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कहना है कि ऐसा करके सरयू राय ने दुश्मन को चौंकाया है।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के बारीडीह स्थित विधायक कार्यालय में बुधवार की शाम असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। अपराधियों ने कार्यालय के फाइल-कागज, टेबुल आदि तोड़ने की कोशिश तो की ही, कार्यालय प्रभारी व कंप्यूटर आपरेटर अमित शर्मा पर जानलेवा हमला कर दिया। अमित के सिर पर कार्यालय में रखे उसके ही हेलमेट से सिर पर कई बार मारा गया। अपने सिर को बचाने में अमित का हाथ पर गहरा जख्म हो गया। बताया जाता है कि तीनों के पास पिस्तौल था।
इतनी बड़ी घटना की खबर सुनते ही सरयू राय मानगो से आनन-फानन वापस लौटे, वे कुछ देर पहले ही कार्यालय से निकले थे। उनके पहुंचते ही कार्यालय में सरयू समर्थकों की भीड़ जमा हो गई। वहां पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए, लेकिन सरयू ने अपने समर्थकों को थाने में प्राथमिकी या एफआइआर दर्ज कराने से मना कर दिया। इस तरह की घटना उनके कार्यालय में पहली बार हुई थी, जिससे हर कोई हतप्रभ है। लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि सरयू राय ने एफआइआर दर्ज कराने से मना कर दिया, आखिर क्यों। इस संबंध में सरयू ने कहा कि एफआइआर दर्ज कराने से क्या हो जाएगा। रोज सैकड़ों एफआइआर दर्ज होते हैं, उससे क्या हो जाता है। पुलिस ने खुद घटनास्थल का मुआयना किया है, उसे खुद संज्ञान लेना चाहिए। पुलिस कार्रवाई करे। यदि पुलिस अपराधियों को नहीं खोज सकी, तो जनता तो खोज ही लेगी।
ये कहते जानकार
वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि कहना है कि ऐसा करके सरयू राय ने दुश्मन को चौंकाया है। वह पहले यह आश्वस्त होना चाहते हैं कि यह अपराध किन लोगों ने किया और क्यों किया, यह उनके पकड़े जाने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इस घटना के पीछे राजनीतिक साजिश है या किसी ने नशेड़ियों को उकसाकर यह कार्रवाई की है, इस बात का खुलासा होना आवश्यक है। सरयू पूरी बात समझने के बाद ही कोई कार्रवाई करना चाहते हैं।