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नोयडा गई थी यूपीएससी की तैयारी करने, कुकिंग सीख कर लौटी Jamshedpur News

लॉकडाउन में अकेले रहकर मजबूरी में खाना पकाना पड़ता था। जब भी मैं चूल्हे के पास जाती थी बरबस मां की याद ताजा हो जाती थी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 07:33 PM (IST)
नोयडा गई थी यूपीएससी की तैयारी करने, कुकिंग सीख कर लौटी Jamshedpur News
नोयडा गई थी यूपीएससी की तैयारी करने, कुकिंग सीख कर लौटी Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। मैं दिल्ली के नोयडा में यूपीएससी की तैयारी करने गयी थी, लेकिन लॉकडाउन में फंस गयी, जब आज घर लौटी हूं तो कुकिंग सीख कर आई हूं। यह कहना था सोमवार को दिल्ली से जमशेदपुर पहुंची एक छात्रा का।

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इस छात्रा को 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में भेज दिया गया। दैनिक जागरण से बातचीत करती हुई उसने बताया कि दिल्ली की नोयडा में अपनी चार सहेलियों के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। जब लॉकडाउन की घोषणा हो गई तो मैं परेशान हो गयी। फिर भी यह सोचकर शांत हो गयी कि 10 दिनों के बाद वापस जमशेदपुर लौट जाउंगी। इसी बीच एक-एक कर मेरी तीन सहेलियां जो कि हरियाणा व पंजाब की रहने वाली थी, अपने-अपने घर चली गयी। मैं अकेले रह गयी। अकेले रहकर मजबूरी में खाना पकाना पड़ता था। जब भी मैं चूल्हे के पास जाती थी, बरबस मां की याद ताजा हो जाती थी। इसके बाद मैं अपनी मां व परिजन से बातचीत करती और धीरे-धीरे 50 दिन का समय बिता दिया। इस दौरान तरह-तरह की चीजें बनाना सीख गई।

टिकट के लिए रात भर नहीं सोई 

छात्रा ने बताया कि जैसे ही पता चला कि टाटा जाने के लिए स्पेशन ट्रेन खुलेगी, मेरी नींद गायब हो गयी। उसने बताया कि बताया गया कि संध्या चार बजे टिकट कंफर्म होगा, इसके बाद मैं रात भर टिकट कंफर्म करने में ही लगी रही। अंत में रात के साढ़े तीन बजे टिकट कंफर्म हुआ, तब जान में जान आयी। घर आकर एक कमरे में होम क्वारंटाइन हो गयी। मगर शुकून है कि अपने परिवार के बीच आ गयी हूं। 

मेरे बगल में मिले पांच पॉजिटिव

दिल्ली से जमशेदपुर आए एक युवक ने बताया कि मेरे बगल में ही पांच कोरोना पॉजिटिव मिले, मैं डर-डर कर रह रहा था। दिल्ली के लक्ष्मीनगर में एक दोस्त के साथ किराए के मकान में रहकर बैंक परीक्षा की तैयारी कर रहा था। अचानक लॉकडाउन होने के बाद यह सोचकर जमशेदपुर नहीं आया कि जब खुल जाएगा, तो आराम से घर जाऊंगा। देखते-देखते 50 दिन बीत गए।

छात्र ने बताया कि चूंकि जिस मकान में रहते थे, उसके मकान मालिक काफी अच्छे थे। खाने-पीने रहने की कोई परेशानी नहीं थी। इसी बीच मेरे मकान से 500 मीटर की दूरी पर पांच लोगों को कोरोना पॉजिटिव मिल गए। इसके बाद डर लगने लगा। सोचने लगा कि कब घर लौटूंगा। हालांकि बाद में राहत की खबर यह मिली कि पांच के बाद आगे एक भी नहीं बढ़ा। छात्र ने बताया कि जमशेदपुर में मुझे भी होम क्वारंटाइन में रख दिया है, जहां मैं अपने परिवार के बीच रहूंगा यही तसल्ली है। 


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