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Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना के मंच पर सजा सियासी अड्डा, पढ़‍िए स‍ियासी जगत की अंदरूनी खबर

Jamshedpur siyasi adda.जब सैनिटाइजर की छापेमारी हो रही है तो नकली माल बेचने या कालाबाजारी करने वालों को बचाने में यही लोग सामने आ रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 10:07 AM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 10:07 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur :  कोरोना के मंच पर सजा सियासी अड्डा, पढ़‍िए स‍ियासी जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना के मंच पर सजा सियासी अड्डा, पढ़‍िए स‍ियासी जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, दिलीप कुमार। siyasi adda देश में कोरोना क्या आया, शहर के नेताओं को नेतागीरी चमकाने का मौका मिल गया। शाम होते ही गली-मोहल्लों में खिचड़ी और राशन वितरण की लंबी लिस्ट जारी करने लगे हैं। हम किसी से कम नहीं के तर्ज पर नेता राहत अभियान चलाने का दावा कर रहे हैं।

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भोजन बांटने में भाजपा व कांग्रेस में होड़ है। इसमें झामुमो की कहीं चर्चा ही नहीं हो रही है। वहीं भारतीय जन मोर्चा पहले दिन से इस काम में जुट गया। कई गैर सरकारी संस्था भी भोजन व राशन बांट रही हैं। कई संस्था और नेता मास्क और सैनिटाइजर जनता को बांटने का भी दावा कर रहे हैं। वैसे बाजार में मास्क व सैनिटाइजर ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। इसी बीच जब सैनिटाइजर की छापेमारी हो रही है, तो नकली माल बेचने या कालाबाजारी करने वालों को बचाने में यही लोग सामने आ रहे हैं। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

सत्ता से हटते ही भूखे- नंगे दिखते लोग

कहते हैं कि सत्ता से बड़ा कोई सुख नहीं होता। इससे दूर होकर रहना भी सबके बस में नहीं होता। सत्ता से बाहर आते ही सभी भूखे-नंगे नजर आने लगते हैं। कोरोना में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। पारडीह के निकट पहाड़ पर एक बस्ती है पारडीह पहाड़ बस्ती। जहां 39 परिवार रहते हैं। लॉकडाउन के बीच यहां राशन सामग्री बांटने भाजपा नेता विकास सिंह और महानगर जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार पहुंचे। नेताओं ने सभी 39 परिवारों को पांच किलो चावल, एक किलो दाल और आधा किलो सरसों तेल का पैकेट दिया। विकास सिंह ने बताया कि एनएच 33 के किनारे पहाड़ के ऊपर रहने वाले लोग आए दिन रोजी रोटी के लिए परेशान रहते हैं। इस बस्ती की ओर सरकार की नजर कभी नहीं पड़ी। भैया, सही भी है आखिर झारखंड अलग राज्य के 20 वर्षो में सरकार की नजर नहीं जाना लोगों का दुर्भाग्य ही है।

कांग्रेसी का साथ दे रहे भाजपाई

कोरोना को लेकर देश में कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसी में सोशल मीडिया भी है, जिस पर पुलिस कड़ी निगाह रख रही है। इसी बीच फेसबुक व ट्विटर पर भड़काऊ पोस्ट के आरोप में पुलिस ने राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी के नेता राकेश साहू और बलदेव सिंह को जेल भेज दिया। इससे कांग्रेसी भी सकते में हैं। हालांकि पार्टी का कोई नेता इनके लिए सामने नहीं आया। हालांकि कुछ ने फोन घुमाया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इससे भी बड़ी बात यह कि इनके समर्थन में भाजपाई उतर गए हैं। भाजपा के कई नेताओं ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सोशल मीडिया में कई पोस्ट किए हैं। कांग्रेसियों के लिए भाजपा का समर्थन चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस ने कांग्रेसियों को जेल भेजने में भी जो जल्दबाजी दिखाई, वह भी हैरान करने वाली है। इस पर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।

सरकार का पैसा सरकार को दिया

कोरोना को रोकने के लिए जनप्रतिनिधि अपने फंड से विकास कार्य में खर्च की जाने वाली राशि देकर खूब इतरा रहे हैं। वहीं सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने के लिए लोगों से अपील कर रही है। लोगों का सवाल है कि क्या राहत कोष में जनता ही धन देगी या जनप्रतिनिधि भी अपना वेतन या निजी राशि दान करेंगे। पूर्वी सिंहभूम जिले के छह विधानसभा क्षेत्र के पांच विधायक रामदास सोरेन, समीर महंती, संजीव सरदार, सरयू राय और बन्ना गुप्ता ने 25-25 लाख, विधायक मंगल कालिंदी ने 30 लाख और सांसद विद्युत वरण महतो ने एक करोड़ की राशि दी है। दरअसल इन्होंने सरकार का पैसा ही सरकार को दिया है, इसलिए राशि देने के बाद सभी विधायक गायब से हो गए हैं। विपदा में भी वे ना तो अस्पताल जाकर तैयारी का जायजा ले रहे हैं, ना सड़क पर जनता की सुध ले रहे हैं।


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