Weekly News Roundup Jamshedpur : फाइल ही खुल गई थानों में,पढ़िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन का बेधड़क उल्लंघन करने वालों का नाम दर्ज हो रहा है।
जमशेदपुर, अन्वेष अंबष्ठ। Weekly News Roundup Jamshedpur कोरोना संक्रमण के कारण समाज में कई तरह के बदलाव आ रहे हैं। ऐसे समय में भला थाने कैसे वंचित रह जाते। इन थानों में अब नए तरह के अपराध की नई फाइल खुल गई है। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन का बेधड़क उल्लंघन करने वालों का नाम दर्ज हो रहा है।
दिन प्रतिदिन यह फाइल मोटी भी होती जा रही है। वजह, उल्लंघन के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। इस फाइल में शहर के कुछ चर्चित लोगों के भी नाम दर्ज हो चुके हैं। इतना ही नहीं, पुलिस इस समय एक और फाइल बना रही है। इस फाइल में भी कोरोना के मामले दर्ज हो रहे हैं। अंतर यही है कि ये कोरोना को लेकर जारी होने वाले सरकारी आदेश-निर्देश होते हैं। इलाके में कहां बैठक हो रही है। संदिग्ध की जानकारी को लेकर आ रहे फोन नंबर तक दर्ज किए जा रहे हैं।
संभल जाइए, समय खराब है
पुलिस वालों के दिन अच्छे नहीं बीत रहे हैं। कड़ी धूप में सड़क पर खड़ा हो डयूटी करने को बाध्य हैं। परेशान ही परेशान हैं। सात दिन में एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों पर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है। इंस्पेक्टर रायफल से साइबर अपराधियों ने तो 45 हजार रुपये ठग लिये। सरायकेला-खरसावां जिले के सिपाही अभिषेक महतो को सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट के कारण जेल भेज दिया गया। दिखाने की कोशिश हुई कि कानून के लिए सब बराबर। कदमा थाना के इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह को मुख्यालय के आदेश पर अचानक जिला से बाहर गढ़वा तबादला कर दिया गया। जिले में योगदान दिए एक साल ही हुए थे। चर्चा है कि राजनीतिक साजिश के शिकार हो गए। लॉकडाउन पालन के लिए डयूटी पर निकले बिरसानगर थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर और एक सिपाही को देख युवक तालाब में कूद गया। बेचारे तीनों निलंबित कर दिए गए हैं।
मौके का खूब उठा रहे लुत्फ
पुलिस वालों को छुट्टी बहुत ही मुश्किल से मिलती है। बहुत मिन्नतों के बाद। सात दिन की छुट्टी मांगने पर यदि पांच दिन की मिल जाए तो भाग्यशाली समङिाए। निश्चित समय पर वापस नहीं पहुंचे तो विभागीय कार्रवाई का डंडा मुस्तैद दिखता है। कोरोना संक्रमण के कारण पुलिस की छुट्टी रद कर दी गई, यह सुनते ही छुट्टी पर गए पुलिस वालों में वेतन कटने और कार्रवाई का भय सताने लगा। लेकिन, महामारी फैलने और लॉकडाउन से पूर्व छुट्टी पर गए पुलिस के लिए यह आदेश खुशखबरी लेकर आया। जो पुलिस जवान जहां हैं, वहीं रहेंगे। छुट्टी बढ़ा दी गई है। अब टेंशन फ्री हैं। ज्यादातर पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर घर गए थे। सिपाही और दारोगा वरीय अधिकारियों को कॉल कर समस्या बता रहे। आवागमन बंद होने होने पर नहीं पहुंच पाने हवाला दे रहे थे। छुट्टी बढ़ जाने से पहली बार इन्हें परिवार के साथ रहने का भरपूर मौका मिला।
नहीं हो रही बोहनी, चेहरा उदास
लॉकडाउन में लोग थानों का रास्ता भूल गए हैं। लोगों के नहीं आने-जाने के कारण थानों में सन्नाटा पसर गया है। सो, थानों में बोहनी पर भी आफत है। पुलिस कर्मी मन मारकर बैठे नजर आते हैं। ऊपरी कमाई न होने से काम में मन नहीं लग रहा। इस वक्त चाय-पानी और नाश्ता पर आफत है। आवभगत से भी वंचित हैं। चर्चा पर चर्चा होती है। कड़ी धूप में जरूरतमंदों को घूम कर खिलाना भी पड़ रहा है। लॉकडाउन से पहले हालात ठीक उल्टा थे। थानों में काम की शुरूआत ही बोहनी से करते थे। किसी का मोबाइल खो गया या अन्य कागजात। कंपनी गेट पास के लिए चरित्र प्रमाण लेना हो या लाइसेंस। थाने की मुहर जरूरी है। हर काम के लिए सेवा शुल्क प्राप्त होता था। थानों तक मारपीट, दुर्घटना, जमीन व जायदाद के मामले पहुंचते थे। पकड़ा-पकड़ी, छोड़ने और समझौता के बहाने कुछ हाथ लग जाता था।