Weekly News Roundup Jamshedpur : कोरोना के साथ मच्छरों का आतंक, पढ़िए चिकित्सा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. पूरे झारखंड में डेंगू व जेई से सबसे प्रभावित शहर जमशेदपुर ही है। इसलिए मच्छरों का बढ़ता आतंक चिंता का विषय बन गया है।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। Weekly News Roundup Jamshedpur कोरोना वायरस के साथ मच्छरों का भी आतंक बढ़ गया है। शाम होते ही घरों में उनकी फौज घेर लेती है। जिससे लोगों की नींद हराम हो गई है। साथ में कई खतरनाक बीमारियां भी मंडराने लगी हैं। वैसे पूर्वी सिंहभूम जिले के कई प्रखंड पहले से ही मलेरिया जोन के रूप में चिह्न्ति हैं।
मुसाबनी, डुमरिया, घालभूमगढ़, घाटशिला, पटमदा क्षेत्र में मलेरिया के सबसे अधिक मामले हैं। वहीं, मच्छरों के काटने से जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) और डेंगू का भी खतरा बढ़ गया है। पूरे झारखंड में डेंगू व जेई से सबसे प्रभावित शहर जमशेदपुर ही है। इसलिए मच्छरों का बढ़ता आतंक चिंता का विषय बन गया है। जिला सर्विलांस विभाग का आंकड़ा देखा जाए तो अप्रैल माह से मच्छरजनित बीमारियों में इजाफा होना शुरू हो जाता है। बरसात आते-आते यह महामारी का रूप ले लेता है। जमशेदपुर शहर बीते कई वर्षों से डेंगू, मलेरिया, जेई से लड़ रहा है।
ब्लीचिंग से पीपीई धोने की चर्चा
ब्लीचिंग पाउडर से पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) धोने की चर्चा गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग में देर रात तक होते रही। डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक, सबकी जुबान पर यह छाया रहा। दरअसल, कोरोना के संदिग्ध मरीजों का नमूना संग्रह करने वाले एक योद्धा को ब्लीचिंग पाउडर से पीपीई किट धोकर उसे दोबोरा इस्तेमाल करने की बात जिला के एक वरीय अधिकारी ने कह दी। इससे वह काफी नराज हो गए। कहने लगे कि इस मुसीबत की घड़ी में एक तो जान की बाजी लगाकर नमूना ले रहा हूं। उसके बदले में वरीय पदाधिकारियों द्वारा उन्हें डांट-फटकार मिल रही है। वह कहने लगे कि ऐसा क्या हुआ कि पीपीई किट दोबारा इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। जबकि, बीते कल तक तो एक बार ही इस्तेमाल कर उसका निस्ताकरण कर दिया जाता था। पीपीई किट का दोबारा इस्तेमाल होने से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा काफी अधिक रहता है।
मास्क व सैनिटाइजर को भटक रहे लोग
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सहित कई राज्य सरकारों ने घर से बाहर जाने पर मास्क पहनना जरूरी कर कर दिया है। लेकिन, जमशेदपुर में लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बहुत मुश्किल से मिल रहा है। ऐसे में वह पहनेंगे क्या? यह चिंता का विषय है। हालांकि, जिला प्रशासन की तरफ से अधिक से अधिक लोगों तक यह उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है लेकिन, अब भी बड़ी आबादी इससे अछूता रह गई है। गांव की बात तो छोड़ ही दीजिए। जमशेदपुर में भी बहुत कम दवा दुकानदार मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध होने की बात कह रहे हैं। पता नहीं, मंशा क्या है? जमशेदपुर ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि मास्क व सैनिटाइजर का भरपूर स्टॉक है। यह दावा दवा दुकानदारों पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। ड्रग विभाग की छापेमारी में कालाबाजारी करने वाले कई लोगों पर शिकंजा कसा है।
राम भरोसे आइसोलेशन वार्ड
शासन-प्रशासन के दवाब में आइसोलेशन वार्ड की संख्या तो बढ़ाई जा रही है, लेकिन उसकी हकीकत भी जानने की जरूरत है। वहां न तो सफाई कर्मचारी जाने के लिए तैयार हैं, और न ही वेंटिलेटर लगाए गए हैं। सिर्फ बेड लगाकर छोड़ दिया गया है। कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। लेकिन, वहां भर्ती होने वाले संदिग्ध मरीज राम भरोसे ही हैं। अस्पताल में पहले से ही सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है। 150 के बजाए सिर्फ 40 तैनात हैं। यानी तय संख्या से 60 कम हैं। अब सौ बेड और बढ़ा दिए गए हैं। लेकिन, सफाई कर्मचारियों की संख्या जस की तस है। सबसे जरूरी चीज सफाई ही है, लेकिन वह कैसे होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इधर, सफाई कर्मचारी भी मझधार में फंस गए हैं। उन्हें पीपीई किट भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।