Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Jamshedpur : सात महीने में 14 करोड़ खर्च, पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup. क्रिसमस पर एक वर्ष में 25-30 लाख खर्च होने की बात कही गई है। यह खर्च बच्चों में गिफ्ट बांटने पर हुआ है। उधर स्कूल में क्रिसमस पर गिफ्ट नहीं बांटी गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 04:22 PM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : सात महीने में 14 करोड़ खर्च, पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : सात महीने में 14 करोड़ खर्च, पढ़ि‍ए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, वेंकटेश्‍वर राव।  शिक्षा विभाग ने शहर के निजी स्कूलों से तीन साल की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। कोई दे रहा है, कोई नहीं दे रहा। नहीं देने वालों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करने के बारे में सोच रहा है। शिक्षा विभाग ने सेक्रेड हार्ट कान्वेंट पर आदेश नहीं मानने की शिकायत करते हुए आयुक्त से कार्रवाई करने को पत्र लिखा है।

loksabha election banner

इधर, चर्च स्कूल बेल्डीह ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें क्रिसमस पर एक वर्ष में 25-30 लाख खर्च होने की बात कही गई है। यह खर्च बच्चों में गिफ्ट बांटने पर हुआ है। उधर, स्कूल में क्रिसमस पर गिफ्ट नहीं बांटी गई है। जून 2017 से दिसंबर 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल ने 14 करोड़ की आय होने की बात कही है। मजे की बात यह है कि खर्च भी उतना दिखाकर स्कूल ने जमा राशि को शून्य कर दिया है। मात्र सात माह में 14 करोड़ खर्च हो गए।

हमारी व्‍यथा भी तो कोई सुनें

कोरोना संक्रमितों की खोजबीन के लिए पारा शिक्षकों की सूची बन गई है। घर-घर जाकर इन्हें छानबीन करनी है। लेकिन इन शिक्षकों की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं। बोड़ाम क्षेत्र में तो इस कार्य में सिर्फ पारा शिक्षकों को ही लगाया गया है। इस कारण ये और भी डरे हुए हैं। बार-बार इस कार्य से मुक्त करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा। पारा शिक्षकों ने इस कार्य लिए 50 लाख रुपये बीमा कराने शर्त रखी है। सरकारी आदेश के कारण वे शर्त मान्य हुए बगैर कार्य पर लग गए हैं। सर्वे के लिए वे घर-परिवार से दूर भी रहने लगे हैं। उन्हें डर है कि अगर वे आदेश नहीं मानेंगे तो विभाग उन्हें तुरंत सस्पेंड कर देगा। जिला प्रशासन पहले पारा शिक्षकों को तरजीह दे रहा है। इसके बाद सरकारी शिक्षकों को। इसके पीछे भी कई कारण हैं। कहते हैं, व्यथा किससे सुनाएं।

ऊहापोह में निजी स्‍कूल प्रबंधन

लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस माफी को लेकर शहर के निजी स्कूल ऊहापोह की स्थिति में हैं। पहले इन स्कूल प्रबंधनों का कहना था कि बस यूं ही शिक्षा मंत्री ने घोषणा मात्र की है। अब जैक ने आदेश निकालकर स्कूल प्रबंधनों को परेशानी में डाल दिया है।हालांकि, फीस माफी पर इन स्कूलों ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। शिक्षा मंत्री भी निजी स्कूलों के रवैये को लेकर काफी सख्त हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर उन्हें फीस वसूली की एक भी शिकायत मिली तो झारखंड में उस स्कूल की मान्यता समाप्त कर देंगे। इस बारे में निजी स्कूलों में मंथन भी प्रारंभ हो गया है। कानूनी राय तक ली जा रही है। शिक्षा विभाग की ओर से भी निजी स्कूलों को पत्र भेज जैक के आदेश का पालन कराने को कहा गया है। आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

पूर्व प्रोवीसी भी ठाक रहे ताल

झारखंड के चार विश्वविद्यालयों के साथ ही कोल्हान विश्वविद्यालय में भी आठ मई से पहले वीसी व प्रोवीसी की नियुक्ति होनी है। इसके आवेदन की प्रक्रिया भी चल रही है। दस अप्रैल तक इसके लिए आवेदन करना है। कोल्हान विश्वविद्यालय के वीसी और प्रोवीसी के लिए भी लोगों ने आवेदन देना शुरू कर दिया है। इस विवि के वीसी पद के लिए जहां पूर्व प्रोवीसी डॉ. रणजीत कुमार सिंह, वहीं प्रोवीसी पद के लिए केयू के पूर्व एनएसएस कोर्डिनेटर डॉ. प्रसून दत्त सिंह ने आवेदन दिया है। डॉ. प्रसून फिलहाल सेंट्रल यूनिर्विसटी दरभंगा में संस्कृत के एचओडी के रूप में पदस्थापित हैं। वहीं, पूर्व प्रोवीसी बीआइटी मेसरा में पदस्थ हैं। कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती ने भी कुलपति के लिए आवेदन कर रखा है। इनके अलावा कई और शिक्षाविद विश्वविद्यालय के वीसी और प्रोवीसी पद के लिए ताल ठोक रहे हैं। देखना यह होगा कि किसका भाग्य साथ देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.