Weekly News Roundup Jamshedpur : कुलपति को छात्रा दिखा रही पावर, पढ़िए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. छात्रा ने अपनी ओर सारे उपलब्ध दस्तावेज जांच समिति को समर्पित कर दिए। इस जांच से कुलपति के माथे पर शिकन साफ देखी जा सकती है।
जमशेदपुर,वेंकटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur कोल्हान विवि की कुलपति प्रोफेसर डॉ. शुक्ला माहांती को छात्रा अर्चना सिंह पावर दिखा रही है। यह छात्रा अनियमितताओं तथा उन पर की गई मानसिक यातनाओं की शिकायत कई प्लेटफार्म पर चुकी है।
मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को वर्ष 2016 में मामले में वीमेंस कॉलेज की पूर्व छात्रा अर्चना ने शिकायत की थी। इस बाद आयोग की ओर से कई बार झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को जांच के लिए पत्र भेजा गया। लेकिन मामला दब गया। अब सरकार बदलने के बाद दोबारा आयोग ने जांच का पत्र भेजा। अंतत: इस मामले की जांच हुई। जांच में कुलपति द्वारा वीमेंस कॉलेज के कार्यकाल में की गई कई लगभग 50 करोड़ की अनियमितताओं की रिपोर्ट तो छात्रा ने जांच कमेटी को समर्पित कर दी। छात्रा ने अपनी ओर सारे उपलब्ध दस्तावेज जांच समिति को समर्पित कर दिए। इस जांच से कुलपति के माथे पर शिकन साफ देखी जा सकती है। एबीएम के विस्तारीकरण को दिलचस्पी नहीं
गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज के विस्तारीकरण योजना को टाटा स्टील ने हरी झंडी दे दी है। कॉलेज की शर्त के अनुसार कंपनी ने कार्य भी प्रारंभ कर दिया। लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय से अनुमोदन नहीं मिल पाने के कारण यह संचिका राजभवन नहीं जा पाई है। राजभवन की अनुमति के बाद ही इस पर एकरारनामा होना है। कॉलेज द्वारा विश्वविद्यालय को टाटा स्टील विस्तारीकरण की संचिका दो माह पूर्व ही भेजी जा चुकी है। अभी यह संचिका विवि में ही पड़ी हुई है। विवि की कई संचिकाएं इसी तरह धूल फांकती रहती है। एक-टेबुल से दूसरे-टेबुल में आते जाती रहती है। पता नहीं विवि की कार्य संस्कृति कब सुधरेगी। एबीएम कॉलेज क विस्तारीकरण योजना के तहत टाटा स्टील ने जमीन की घेराबंदी भी कर रखी है। बस एकरारनामा का इंतजार हो रहा है। कॉलेज प्रबंधन भी इसे लेकर परेशान है। अब टाटा स्टील का जवाब कॉलेज नहीं दे पा रहा है।
हिंदी शिक्षक को खोजे फिरते हैं छात्र
एबीएम कॉलेज गोलमुरी के हिंदी डॉ. अवध बिहारी को यहां के छात्र खोजते रहते हैं। वे कुछ पढ़ाते हैं तो परीक्षा से पूर्व उनका सिलेबस ही बदल जाता है। आरोप है, इंटरनल माक्र्स में भी हेराफेरी हो जा रही है। छात्र परेशान हैं। छात्रों के अनुसार उन्हें जब खोजा जाता है तब वे कॉलेज से गायब ही रहते हैं। जब आते हैं तो छात्रों के सवालों का जवाब भी उनके पास नहीं रहता है। शिक्षक और विश्वविद्यालय के बीच यूजी के छात्र परेशान है। कॉलेज के 20 विद्यार्थी पर तलवार लटक रही है। उन्हें फोर्थ सेमेस्टर में इंटरनल माक्र्स नहीं भेजे जाने के कारण प्रमोट कर दिया गया है। इंटरनल माक्र्स में भी गोलमाल है। छात्रों के पास विवि को भेजे गए माक्र्स का प्रतिवेदन है। परीक्षा विभाग का कहना है कि यह नहीं मिला। अब तो कॉलेज के हिंदी शिक्षक को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
कुछ भी हो, संगठन नहीं छोडऩा है
कई शिक्षक संघ शिक्षकों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करती हैं। उसमें से एक है झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ। इस संघ में ऐसे पदाधिकारियों का जमावड़ा है जहां अधिकतर शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बस नेताजी बने रहने के लिए वे संघ से जुड़े हुए हैं। संघ के सर्वोच्च पदों पर काबिज भी हैैं। आशीष प्रधान, सत्यजीत सीट, विमला देसाई ऐसे कई नेता है जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी शिक्षकों से जुड़ा रहना है इस कारण वे संघ नहीं छोड़ रहे हैं । संघ के बहाने बस कॉलर टाइट रखनी है। गाहे-बगाहे ज्ञापन सौंप शिक्षकों के हित की खानापूर्ति करते हैं, ताकि साथी यह न कहें, एक्टिव ही नहीं हैं। हाल ही में शिक्षक संघ का जिलास्तरीय चुनाव घाटशिला में हुआ है। इसमें सेवानिवृत्त शिक्षक ही पर्यवेक्षक थे। अब आउटडेटेड शिक्षकों के सहारे ही यह संघ अपनी हितों की बात कैसे करेगा।