देवोत्थान एकादशी के बाद भी नहीं शुरू होगा विवाह मुहूर्त, जानिए क्या है वजह
दिसंबर माह में भी केवल दो शुभ मुहूर्त हैं। 10 दिसंबर व 15 दिसंबर। पुन: विवाह मुहूर्त का प्रारंभ खरमास के उपरांत 17 जनवरी 2019 से होगा।
जमशेदपुर(जेएनएन)। अगर आप शादी की सोच रहे हैं या फिर आपके परिवार में किसी की शादी की योजना है तो आपके लिए यह जरूरी खबर है। इसबार शुभ विवाह मुहूर्त के लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा।
कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थानी एकादशी कहते हैंं, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा का परित्याग कर ब्रह्मांड के पालन में तत्पर हो जाते हैं। प्राय: देवोत्थानी एकादशी के उपरांत विवाहादि मांगलिक कार्य के मुहूर्त बनते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। देवोत्थानी एकादशी 19 नवंबर सोमवार को है। विवाह मुहूर्त में गुरु व शुक्र को अस्त नहीं होना चाहिए तथा सूर्य को भी गुरु के राशि में नहीं होना चाहिए। इस बार देवोत्थानी एकादशी से पूर्व दिनांक 13 नवंबर को ही गुरु अस्त हो रहे हैं। इस प्रकार देवोत्थानी एकादशी के उपरांत भी विवाहादि कार्य मुहूर्त गुरु अस्त के कारण नहीं बन रहा है।
सात दिसंबर तक करना होगा इंतजार
गुरु उदय 7 दिसंंबर शुक्रवार को हो रहे हैं, तदुपरांत मांगलिक कार्य मुहूर्त प्रारंभ होंगे। पुन: खरमास में मंगलकार्य वर्जित होने से मुहूर्त का अभाव रहेगा। खरमास रविवार 16 दिसंबर को संध्या 6:25 बजे से शुरु होकर 14 जनवरी को रात्रि 2:13 बजे तक रहेगा। इस प्रकार नवंबर माह में विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। दिसंबर माह में भी केवल दो विवाह मुहूर्त
दिसंबर माह में भी केवल दो शुभ मुहूर्त हैं। 10 दिसंबर व 15 दिसंबर। पुन: विवाह मुहूर्त का प्रारंभ खरमास के उपरांत 17 जनवरी 2019 से होगा। वर्ष 2019 में विवाह मुहूर्त अत्यधिक मिलेंगे। ऐसे में इसी हिसाब से तैयारी बेहतर होगा।