शहर में दिसंबर की बारिश ने सात वर्षो का रिकार्ड तोड़ा
शहर में रविवार रात से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी रही। कभी हल्की तो कभी तेज पानी पड़ता रहा। पिछले सात वर्षो में दिसंबर में सबसे अधिक बारिश इस साल ही हुई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में रविवार रात से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी रही। कभी हल्की तो कभी तेज पानी पड़ता रहा। पिछले सात वर्षो में दिसंबर में सबसे अधिक बारिश इस साल ही हुई है।
मौसम विभाग ने सोमवार को शहर में 21.8 मिली मीटर (मिमी) बारिश दर्ज किया। इसके पूर्व जमशेदपुर में वर्ष 2010 के दिसंबर में 37.9 मिमी बारिश दर्ज किया गया था। 24 घटे के दौरान होने वाली बारिश का रिकार्ड नौ दिसंबर 2010 में बना। दिसंबर में वर्ष 2010 के बाद शहर में इस सोमवार को सबसे अधिक बारिश हुई। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान फेथाई कोल्हान समेत राज्य के कई जिलों में अपना असर दिखा रहा है। तूफान के कारण जमशेदपुर समेत कोल्हान के तीनों जिलों में रविवार देर रात शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी रही। इसके कारण लोगों को दिनरात ठंड का अहसास हुआ। दिनभर हुई बेमौसम बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। कई स्थानों में सड़कों पर पानी जमा होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। लोग बेवजह घर से बाहर निकलने से बचे। इससे सड़कों पर भीड़ कम रही।
अधिकतम व न्यूनतम तापमान में सिर्फ डेढ़ डिग्री का अंतर
मौसम विभाग के अनुसार शहर में मंगलवार को भी बारिश होगी। इस दौरान एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। सोमवार को शहर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान में सिर्फ 1.5 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। मौसम विभाग ने शहर का अधिकतम तापमान 16.5 और न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। आसमान में लगातार दूसरे दिन बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से 9.0 डिग्री कम और न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.0 डिग्री अधिक रहा।
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टमाटर व फूलगोभी की फसल पर बारिश का खराब असर पड़ेगा। पटमदा के किसान प्राणकृष्ण ने कहा कि अगर दो दिन और बारिश हो गई तो हम बर्बाद हो जाएंगे। शहर से सटे पटमदा व बोड़ाम क्षेत्र के अधिकाश परिवार कृषि पर निर्भर हैं।
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बारिश के कारण तैयार फूलगोभी और टमाटर खराब हो जाएंगे। आलू की क्यारी में पानी जमा होने से उसमें कीड़ा लगने लगेंगे। इसके विपरीत सरसों, धनिया, पालक, चना व साग के लिए बारिश लाभकारी होगी।
- प्राणकृष्ण महतो, किसान, पटमदा
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किसान मित्र के सक्रिय नहीं रहने के कारण किसानों को इस प्रकार के बारिश होने की सूचना नहीं मिल पाती है। जिस कारण किसान अपनी तैयारी नहीं कर पाते हैं। बारिश के कारण खलिहानों में रखे धान अंकुरित होने लगेंगे।
- गोपाल सिंह, किसान, पटमदा
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बेमौसम बारिश से तैयार फसल को नुकसान होगा। वहीं नई फसल को बारिश से लाभ होगा। बारिश का असर बाजार पर भी पड़ेगा। किसानों की तैयार फसल नष्ट होने पर उन्हें नुकसान होगा।
- कालीपद महतो, किसान, रांगाटांड