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स्कूल विलय रोकने के लिए अपने स्तर से करेंगे प्रयास : सरयू राय

मंत्री सरयू राय ने कहा कि सुखना बस्ती में स्कूल विलय को रोकने के अपने स्तर से प्रयास करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 12:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 12:03 PM (IST)
स्कूल विलय रोकने के लिए अपने स्तर से करेंगे प्रयास : सरयू राय
स्कूल विलय रोकने के लिए अपने स्तर से करेंगे प्रयास : सरयू राय

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मंत्री सरयू राय ने कहा कि सुखना बस्ती में स्कूल विलय को रोकने का वे हर संभव प्रयास करेंगे। स्कूल विलय के बाद बच्चों को नेशनल हाईवे पार कर स्कूल जाना होगा, जो वास्तव में खतरनाक है। सुखना बस्ती के ग्रामीणों के साथ अपने आवास पर मुलाकात के दौरान उन्होंने के कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला में कुल 390 स्कूलों का विलय किया जाना है, जिसमें उनके विधान सभा क्षेत्र के 13 स्कूल शामिल है। उन्होंने बताया कि इनमें तीन स्कूलों के विलय का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। मंत्री ने बालीगुमा के सुखना बस्ती में स्कूल विलय रोकने का अपने स्तर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक स्कूल भवन निर्माण की बात है, इसके लिए कृषि विभाग से उपयोगिता के हिसाब से जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा जाएगा। इस मामले के निष्पादन के लिए मंत्री सरयू राय ने शिक्षा सचिव एसपी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है।

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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को बालीगुमा के सुखना बस्ती के ग्रामीणों ने बालीगुमा उत्क्रमित विद्यालय विलय के विरोध में क्षेत्र के विधायक सह मंत्री सरयू राय से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। मुलाकात के दौरान महिलाओं ने कहा कि नेशनल हाईवे फोरलेन बनने वाला है, जिसे पारकर बच्चों को रोज स्कूल जाना होगा। हाईवे में तेज रफ्तार से वाहन चलती है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। वे कभी भी अपने बच्चों को फोरलेन सड़क पार कर स्कूल भेजने के बारे में नहीं सोच सकते हैं। मौके पर दीपक रंजीत ने कहा कि स्कूल विलय को रोकने के लिए नेचुरल बेरिकेड के रुप में नेशनल हाईवे काफी है। इसी आधार पर स्कूल का विलय रोका जाए, ताकि गांव के छोटे-छोटे बच्चों की जान पर खतरा न बना रहे। मंत्री से मिलने जाने वाले ग्रामीणों में सावित्री सिंह, शिवानी महतो, रेवती महतो, पुतुल गोराई, सोनामनी सिंहमुंडा, उषा किस्कू, अष्टमी महतो, अरविंद अंजुम, आलोक कुमार, दीपक रंजीत, ललन प्रसाद, अमर बहादुर यादव, लक्ष्मी कर्मकार, संतरा गोप आदि समेत कई ग्रामीण शामिल थे।


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