Water Level In Jharkhand: तेजी के साथ नीचे जा रहा भूजल स्तर, अगर अभी नहीं सुधरे तो पड़ेगा भीषण पानी अकाल
Water Level In Jharkhand प्रत्येक वर्ष एक से डेढ फीट तक जल स्तर गिर रहा है। जलस्तर गिरने का मुख्य कारण बरसात के पानी का संचयन नहीं होना और जलस्त्रोतों का खत्म होना बताया जाता है। भूगर्भ जल का लगातार दोहन किया जा रहा है।
चाईबासा, जासं। भूमिगत जल के दोहन व जलस्त्रोतों के अतिक्रमण के कारण धरती की कोख लगातार सूनी हो रही है। जिला में पिछले 20 वर्षों से जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। कुछ प्रखंडों में पानी की किल्लत काफी ज्यादा होती है। चाईबासा शहर, तांतनगर, मझगांव, जगन्नाथपुर, नोवामुंडी क्षेत्र में जलस्तर गिरने से जल संकट उत्पन्न हो गया है। यहां औसत गहराई 80 से 90 फीट तक पानी मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोग पानी के लिए काफी परेशान रहते हैं।
हर साल डेढ़ फीट नीचे जा रहा है जल स्तर
प्रत्येक वर्ष एक से डेढ फीट तक जल स्तर गिर रहा है। जलस्तर गिरने का मुख्य कारण बरसात के पानी का संचयन नहीं होना और जलस्त्रोतों का खत्म होना बताया जाता है। भूगर्भ जल का लगातार दोहन किया जा रहा है। बरसात का पानी बह कर नदी नाला के सहारे बेकार ही बह जाता है। जितना पानी धरती से निकल रहा है, उतना रिचार्ज नहीं कर रहे हैं। भूगर्भ जल एक सीमा तक ही उपलब्ध है। लगातार उससे निकालने पर यह पूरी तरह खत्म हो जायेगा और ड्राई जोन में आ जायेगा। इसके अलावा बिना नियम कानून के लोग डीप बोरिंग कर रहे हैं। सरकार ने सीमा तय किया है लेकिन लोग अपनी मनमर्जी से 200 से 250 फीट तक गहरा कर पानी को मशीन से निकाल लेते हैं। ऐसे में भूगर्भ जल स्तर पर विपरित असर पड़ रहा है। साथ ही शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी कंक्रीट का जाल बिछ रहा है। लोग जल स्रोतों का अतिक्रमण कर उनके ऊपर मकान बना रहे हैं। ऐसे में परेशानी आनी निश्चित है। भूगर्भ जलस्तर को बचाने के लिए बड़े-बड़े तालाब का निर्माण, नदी को अतिक्रमण से मुक्त, रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य, शोकपीट समेत अन्य कार्य करना अतिआवश्यक है जिससे भूगर्भ जल स्तर को बेहतर किया जा सके।
लगातार नीचे जा रहा है भूजल स्तर
भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसकी मुख्य वजह लगातार भूमिगत जल का दोहन किया जाना है। जितना हम पानी निकालते हैं उतना रिचार्ज नहीं होता है। बरसात का पानी बह कर नदियों में चला जाता है। जब तक बरसात का पानी भूमि के अंदर नहीं जायेगा, तब तक भूमि के अंदर पानी कहां से आयेगा। जलस्त्रोतों की व्यवस्था करनी होगी। रेन वाटर हार्वेस्टिंग हर घर में अनिवार्य करना चाहिए। जिससे वर्षा का पानी धरती के अंदर प्रवेश करे। इसके बाद ही भूगर्भ जलस्तर बेहतर हो सकता है।
धर्मेन्द्र कुमार, जेइइ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चाईबासा।