Move to Jagran APP

आईना में चेहरा देखकर विषु की शुरुआत करेंगे मलयाली, ये है मान्यता

विषु पर्व के दौरान समाज के लोग सुबह उठकर सबसे पहले आईना में अपना चेहरा देखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से नया साल मंगलमय होता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:29 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:29 AM (IST)
आईना में चेहरा देखकर विषु की शुरुआत करेंगे मलयाली, ये है मान्यता
आईना में चेहरा देखकर विषु की शुरुआत करेंगे मलयाली, ये है मान्यता

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड की लौहनगरी में रह रहे 7 हजार मलयालम समाज के लोग सोमवार को नववर्ष विषु पर्व मनाएंगे। विषु पर्व के दौरान समाज के लोग सुबह उठकर सबसे पहले आईना में अपना चेहरा देखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से नया साल मंगलमय होता है। साथ ही जीवन में सुख, शांति समृद्धि आएगी।

loksabha election banner

इस दिन घरों में देव स्थान पर चावल, केला, पान का पत्ता और फल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। केरला पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. श्रीकांत नायर ने बताया कि विषु पर्व के दिन घर के बड़े-बुजुर्ग छोटे बच्चों को सिक्का देकर आशीर्वाद देते हैं। उपहार भी देते हैं। केरल में इसे कैनीट्टम् कहते हैं। इस दिन घरों में विशेष पारंपरिक भोजन बनाया जाता है। यह मलयालम महीने मेष की पहली तिथि को मनाया जाता है। विषु सौभाग्य व अच्छी किस्मत के आगमन का प्रतीक माना जाता है।

यह है मान्यता 

यह दिन शादी, नए घर में प्रवेश, नए वाहन की खरीद और नया काम शुरू करने के लिए पवित्र और शुभ माना जाता है।

ये भी है विशेष

ऐसी मान्यता है कि केरल में इसी दिन से धान की बुआई शुरू हो जाती है। इस दिन लोग नया पंचांग पढ़ते हैं और पूरे साल का अपना भविष्यफल देखते हैं।

मद्रासी सम्मेलनी में की जाएगी विशेष पूजा

तमिल समाज के नववर्ष के उपलक्ष्य में 15 अप्रैल को मद्रासी सम्मेलनी में विशेष पूजा अर्चना होगी। इसे लेकर सम्मेलनी की ओर से तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। सभी को पारंपरिक परिधान में आने का निर्देश दिया गया है।

यहां होंगे कार्यक्रम

 -21 अप्रैल को केरला समाजम मॉडल स्कूल में

 -16 अप्रैल को केरला पब्लिक स्कूल में।

 - धर्म सास्था मंदिर में 15 अप्रैल को विशेष पूजा- अर्चना।

 -15 अप्रैल को टेल्को कृष्णा मंदिर में भक्तों के बीच सिक्का का वितरण।

ये कहते लोग

हम अपने समाज संस्कृति को यहां जीवंत रखे हुए है। अपने बच्चों को भी ये संस्कार दे रहे हैं। समाज का प्रत्येक सदस्य अपने संस्कारों और रीति रिवाज को लेकर सचेत है।

- डॉ. श्रीकांत नायर, निदेशक, केपीएस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.