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विपदा से मुक्ति को विपदतारिणी की हुई पूजा, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

संवाद सूत्र, जमशेदपुर : लौहनगरी में मंगलवार को मां विपदतारिणी पूजा धूमधाम से मनायी गयी। सुबह से

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 09:59 PM (IST)
विपदा से मुक्ति को विपदतारिणी की हुई पूजा, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
विपदा से मुक्ति को विपदतारिणी की हुई पूजा, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

संवाद सूत्र, जमशेदपुर : लौहनगरी में मंगलवार को मां विपदतारिणी पूजा धूमधाम से मनायी गयी। सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं की भीड़ जुटी हुई थी। महिलाओं ने मां विपदतारिणी का व्रत रख कर विभिन्न पूजा-अर्चना की। पूजा कर भक्तों ने परिवार में आने वाले हर संकट को टालने के लिए मां से प्रार्थना की। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को विपदतारिणी पूजा की शुभकामनाएं भी दी। इस पूजा में 13 का विशेष महत्व है। इसलिए पूजा के दौरान 13 प्रकार के फल, 13 प्रकार के फूल, 13 प्रकार के मिष्ठान मां को अर्पित की जाती है। वहीं, पूजा के बाद लाला रंग का धागा परिवार के सभी सदस्य अपनी कलाई या बांह में बांधते हैं। जिसके साथ दूर्वा (दूब) घास बांधा हुआ रहता है। इस लाल रंग के धागे पर भी 13 गांठ लगाए जाते हैं। इस धागे के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसे कलाई या बांह में बांधकर रखने से हर प्रकार की विपदा से हम बच सकते हैं। इसलिए इसे मा विपदतारिणी का रक्षा-सूत्र भी कहा जाता है। ऐसे तो इस रक्षा-सूत्र को बांह में ही बांधने का नियम है, लेकिन आजकल के युवा पीढ़ी इसे अपनी कलाई में बांधना पसंद कर रही है।

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फल बाजार भी रहा गर्म : विपदतारिणी पूजा में 13 तरह के फल का भोग लगाया जाता है। इसको लेकर महिलाओं ने बाजार में फलों की खूब खरीदारी की। इससे फल बाजार गर्म रहा। जिन फलों की मांग ज्यादा रही उनके दाम भी आसमान छूने लगे।

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शहर के इन मंदिरों में हुई पूजा-अर्चना : शहर के विभिन्न देवी मंदिरों में यह पूजा हुई। विशेष तौर पर बंगाली समाज की महिलाओं ने यह व्रत रखा। इस बार मंदिरों में बंगाली समाज के साथ-साथ दूसरे समाज की महिलाएं भी काफी संख्या में पूजा-अर्चना करने पहुंचीं। जमशेदपुर के मानगो चौक स्थित कालीबाड़ी, साकची दुर्गाबाड़ी, जमशेदपुर दुर्गाबाड़ी, बेल्डीह स्थित कालीबाड़ी, शीतला माता मंदिर, कदमा रंकिणी मंदिर समेत शहर के विभिन्न देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना हुई।

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पूजा संपन्न होने के बाद दिखा सेल्फी का क्रेज : पूजा-अर्चना संपन्न होते ही महिलाओं में एक-दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान महिलाओं ने सिंदूर से एक दूसरे की मांग भरी। वहीं, महिलाओं में इसे यादगार पल बनाने के लिए फोटो व सेल्फी का दौर भी खूब चला।

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मां विपदतारिणी पूजा करने रंकिणी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु : कदमा मेन रोड स्थित श्रीश्री रंकिणी मंदिर में मंगलवार को महिलाओं ने माता विपदतारिणी देवी की पूजा-अर्चना की। यहां शहर के विभिन्न क्षेत्रों से महिलाए पूजा के लिए पहुंची। विपतारणी पूजा के बारे में बताते हुए रंकिणी मंदिर के महासचिव जनार्दन पांडेय व अध्यक्ष दिलीप दास ने बताया कि विपदतारिणी देवी मां दुर्गा का ही रूप है। ऐसी मान्यता है कि मा दुर्गा के स्वरूप विपतारिणी देवी की पूजा से उनके भक्तों पर कोई संकट और विपत्ति नहीं आती है। इस पूजा को विशेष कर बंगाली समुदाय की महिलाएं करती हैं। पूजा के बाद मां विपदतारिणी की कथा सुनकर महिलाएं अपने बाएं हाथ पर और पुरुष दाएं हाथ पर लाल रंग का रक्षा सूत्र बांधते हैं।


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