नदी में स्नान करने न जाएं ग्रामीण : बीडीओ
तीन दिनों की बारिश के कारण नदी तट पर रहने वाले लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। खरकाई एवं चांडिल डैम से पानी छोड़ने के कारण स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है..
संसू, चाकुलिया : तीन दिनों की बारिश के कारण नदी तट पर रहने वाले लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। खरकाई एवं चांडिल डैम से पानी छोड़ने के कारण स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर स्थानीय बीडीओ देवलाल उरांव एवं सीओ जयवंती देवगम ने प्रखंड के श्यामसुंदरपुर स्थित स्वर्णरेखा नदी घाट का जायजा लिया। नदी में बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों को ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से सचेत किया गया। कहा गया कि फिलहाल जब तक नदी में जलस्तर बढ़ा हुआ है तब तक नदी में नहाने, धोने या पशुओं को नहलाने ना जाएं। मछली पकड़ना भी खतरे से खाली नहीं है। इसलिए मछली पकड़ने से बचें। किसानों के खेत में जमा पानी, सीओ को सौंपा ज्ञापन : प्रखंड के खंडामौदा गांव के किसानों ने शनिवार को मुख्य सड़क के पुल पर बने अवरोध से जलजमाव के निकासी के संबंध में एक ज्ञापन सीओ जीतराय मुर्मू के नाम अंचल कार्यालय के बड़ाबाबू को सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने उल्लेख किया है कि खंडामौदा तथा छोटा अर्जुना मौजा के खेतों में पानी भर जाने से मुख्य सड़क के पुल में बने अवरोध से पानी निकासी का रास्ता लगभग बंद हो चुका है। खंडामौदा, बड़ाअर्जुना, आरंग मौजा के लगभग 200 एकड़ जमीन में पानी जम गया है। जिससे खेत में लगे फसल डूब गए है तथा जिस जमीन पर रोपनी नहीं हुई है उस पर पानी के चलते रोपनी कार्य बंद है। किसानों ने बताया कि अगर 5 खेतों में जलजमाव की स्थिति यही रही तो धान की रोपनी पूरी तरह से सड़कर बर्बाद हो जाएगा। सीओ ने किसानों को आश्वासन दिया कि उक्त स्थल का जायजा लेकर किस कारण से उक्त जगह को मिट्टी डालकर बंद किया है इसकी जानकारी लिया जाएगा तथा पानी निकासी की व्यवस्था कराई जाएगी। ज्ञापन सौंपने वालों किसानों में ब्रह्मानंद बेरा, डॉ अर्णव वरन मिश्रा, मानस बेरा, अजीत मिश्रा, मदन मोहन बेरा,अर्धेन्दू बेरा, मोहिनी कांत बेरा, धनपति बेरा, प्रशांत बेरा, तारकेश्वर बेरा, संभुनाथ सीट,मार्कण्ड बेरा, शंकर देहुरी,शंकरसन बेरा, खगेन बेरा, गौरांग बेरा, गोदाधर खमराई, बिनय बेरा, दीपंकर बेरा,आर्त्तत्राण बेरा, विकाश महापात्र, मनोज बेरा, दिलीप खामराई, रथु पाइकिरा, कृष्ण प्रधान, दीपक महापात्र, जयंत बेरा, गयाराम भक्ता, गोपाल शीट समेत कई किसानों के हस्ताक्षर शामिल हैं।