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डायरिया का खौफ : अनहोनी के भय से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए ग्रामीण

अनहोनी के भय से डायरिया प्रभावित मुसाबनी के ग्रामीण डायरिया पीड़ित के दाह-संस्कार में शामिल नहीं हुए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 05:08 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 05:08 PM (IST)
डायरिया का खौफ : अनहोनी के भय से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए ग्रामीण
डायरिया का खौफ : अनहोनी के भय से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए ग्रामीण

जेएनएन,जमशेदपुर/मुसाबनी : पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी प्रखंड के दक्षिणी बादिया पंचायत के शिव मंदिर पाड़ा में डायरिया की वजह से अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। यहां डायरिया के रोज मरीज मिल रहे हैं। लगातार कैंप लगा है। प्रभावित को दवा दी जा रही है और गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है। इसबीच, बारी-बारी से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। 25 अगस्त को जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान अंजना नायक की मौत हो गई थी। शनिवार को इसी अस्पताल में देवानंद नायक की मौत हो गई। अंजना की मौत के बाद देवानंद भागकर घर चला गया था। शुक्रवार को परिजन उसे लेकर एमजीएम में पहुंचे और शनिवार सुबह मौत हो गई। लगातार दो मौतों के बाद गांव में दहशत पसर गया है। आलम यह है कि रविवार को देवानंद का शव पहुंचा और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हुई तो ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने से मना कर दिया। लोगों का कहना रहा कि अंतिम संस्कार में शामिल होने से उनके साथ भी अशुभ हो सकता है। किसी तरह परिजनों से देवानंद का अंतिम संस्कार किया।

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बकरी बेचकर चुकाया एंबुलेंस का किराया: देवानंद की मौत से जुड़ी एक और खबर हलकान करने वाली रही। परिजन आर्थिक तंगी की वजह से एंबुलेंस का किराया चुकाने में असमर्थथे। जिस एंबुलेंस से शव लेकर गांव पहुंचे थे दरवाजे खड़ी थी। पैसे कहीं से उधार में नहीं मिले तो परिजनों ने बकरी बेचकर पैसे जुटाए और एंबुलेस का किराया अदा किया।

मेडिकल टीम से उठा भरोसा: शुरुआत में ही एमजीएम में इलाज की व्यवस्था ठीक नहीं होने की बात वहां रेफर किए गए मरीजों के परिजनों ने कही थी। जब अंजना नायक की मौत हो गई थी तो एमजीएम में भर्ती दो मरीजों को वहा से अलग भेजने की मांग की गई थी। भर्ती एक मरीज देवानंद भागकर घर भी पहुंच गया था। उसे स्थिति बिगड़ने पर परिजन लेकर वापस पहुंचे लेकिन उसकी भी मौत हो गई। अब आलम यह है कि गांव के लोगों को गांव में कैंप कर रही मेडिकल टीम पर भी भरोसा नहीं रहा। जो एकदम लाचार हैं वे टीम से इलाज कराकर दवा ले रहे हैं। जो थोड़ा भी सक्षम हैं निजी तौर पर इलाज करा रहे हैं।

ग्रामीणों का दावा,स्वजलधारा योजना के पानी से फैली बीमारी : जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है मुसाबनी प्रखंड का दक्षिण बादिया पंचायत का शिव मंदिर पारा ग्राम। ग्रामीणों का कहना है कि स्वजलधारा का पानी पीने से लोगों की तबीयत बिगड़ी है। ग्रामीणों ने स्वजलधारा के टैंक को साफ करने के लिए पूरा पानी बहा दिया। लोगों का कहना है कि गांव में दूषित जल के सेवन या फिर अन्य कारणों से डायरिया का संक्रमण फैला हुआ है।


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