विज्ञान के युग में अंधविश्वास का बोलबाला, यहां भूत-प्रेत के डर से छोड़ दिया गांव
पूर्वी सिंहभूम के इस गांव की अजब कहानी है। यहां भूत-प्रेत के डर से एक परिवार ने गांव छोड़ दिया जबकि ग्रामीण रात को घर से बाहर नहीं निकल रहे है।
मुसाबनी (पूर्वी सिंहभूम), मुरारी प्रसाद सिंह। विज्ञान और तकनीक के युग में भी अंधविश्वास का बोलबाला है। अब भी गांवों में लोग भूत-प्रेत जैसी बातों पर विश्वास करते हैं। एक ऐसा ही मामला पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी प्रखंड में सामने आया है। भूत के डर से एक परिवार ने गांव छोड़ दिया है। दहशत ऐसा कि दूसरे गांव में शरण लिए हुए है। उधर, इस घटना से गांव के अन्य लोग भी डरने लगे हैं।
कहानी यह है कि मुसाबनी थाना क्षेत्र के उपरबंदा गांव निवासी गुरुदास टुडू के घर में लोगों को करंट का झटका लगता था। इससे घर के सदस्य बेहोश हो गए। इसके बाद परिवार दहशत में था। डर से गुरुदास टुडू और भतीजा मंगल टुडू और गुबा टुडू पुस्तैनी गांव धालभूमगढ़ प्रखंड के बगुला गांव चले गए हैं। इस संबंध में पड़ोस में रहने वाले शोभन हेम्ब्रम और वृद्ध महिला दानगी मुर्मू ने बताया कि सोमवार को 40 वर्षीय बाले टुडू का देहांत हो गया था। अंतिम संस्कार मंगलवार को ग्रामीणों ने कर दिया। उसके बाद से परिवार के लोग बिजली के झटके महसूस कर बेहोश होने लगे। लगातार ऐसा होने से लोगों ने डर कर घर छोड़ दिया।
पड़ोसी के घर पहले ली थी शरण
रात में पड़ोसी राम मुर्मू के घर में शरण ली। वहां भी यही स्थिति महसूस होने लगी। राम मुर्मू सहित तीन अन्य महिलाएं भी गुरुदास टुडू के परिवार को छूने से करंट महसूस कर बेहोश हो गईं। इससे ग्रामीण भी डर गए। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि यह क्या हो रहा है। इससे बचने के लिए गुरुदास टुडू अपने दोनों भतीजे मंगल टुडू (30) और गुबा टुडू (27) के साथ अपने पुश्तैनी गांव बगुला बुधवार सुबह ही निकल गए। ग्रामीणों का मानना है कि गुरुदास टुडू के घर में कोई भूत प्रेत का साया है। वही बिजली के झटके देकर बेहोश कर रहा है। उधर, बगुला गांव में पहुंचकर गुरुदास टुडू का परिवार ठीक महसूस करने की बात कर रहा है।
ससुराल में बस गया था परिवार
शोभन हेम्ब्रम ने बताया कि उपरबंदा गुरुदास टुडू के पिता का ससुराल है। उनका कोई मामा नहीं होने के कारण पिता यहीं बस गए थे। गुरुदास टुडू को चार भाई व एक बहन है। उनके तीन भाई बहन की असमय मौत हो गई है। सबसे बड़े भाई सुनील टुडू का 30 साल पहले मौत हुई थी। उसके बाद बहन बाहा टुडू और 15 साल पहले गोनो टुडू की मौत हो चुकी है। भाई बाले टुडू की मौत सोमवार को हो गई। उनका इलाज टाटा और कटक में कराया गया, लेकिन वह नहीं बच सके। उधर, इस घटना से उपरबंदा के ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। इसलिए रात होते ही उनके पड़ोस में रहने वाले लोग घर से नहीं निकल रहे हैं।
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