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Politics: सरयू राय की जगह लेने के लिए विद्युत, गोस्वामी और देवेंद्र में मची होड़

Jamshedpur Politics.पिछले विधानसभा चुनाव में राजनीति ने ऐसी करवट ली कि सरयू पश्चिमी से पूर्वी चले गए और विधायक भी बन गए। इससे जमशेदपुर पश्चिमी में एक रिक्ति सी आ गई है। इस क्षेत्र में भाजपा का कोई सर्वमान्य नेता नहीं रहा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 01:42 PM (IST)
Politics:  सरयू राय की जगह लेने के लिए विद्युत, गोस्वामी और देवेंद्र में मची होड़
पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जांस। आपको यह बात हैरान कर सकती है कि भला सरयू राय से अब भाजपा को क्या लेना-देना रह गया, लेकिन इसी वजह ने इन दिनों भाजपा के हर कार्यकर्ता को परेशान कर रखा है। जब तक सरयू राय भाजपा में थे, तो जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कोई दूसरा नेता आंख उठाकर भी नहीं देखता था। पिछले विधानसभा चुनाव में राजनीति ने ऐसी करवट ली कि सरयू राय ना केवल भाजपा से बाहर हो गए, बल्कि पश्चिमी से पूर्वी विधानसभा चले गए और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर विधायक भी बन गए। 

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इस घटनाक्रम से जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में एक रिक्ति सी आ गई है। इस क्षेत्र में अब तक भाजपा का कोई सर्वमान्य नेता नहीं है। सरयू राय के इसी स्थान को भरने या हासिल करने के लिए इन दिनों होड़ मची है। इसमें सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेशानंद गोस्वामी और पिछले विधानसभा चुनाव से सक्रिय राजनीति में पैर जमाने में प्रयासरत जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह शामिल हैं। 

तीनों नेताओंं की पहले नहीं थी ऐसी सक्रियता

इस विधानसभा क्षेत्र में इन तीनों नेताओं की सक्रियता अब जितनी दिख रही है, उतनी विधानसभा चुनाव के दौरान भी नहीं थी। तीनों अपना दमखम या दबदबा जमीनी स्तर पर काबिज करना चाहते हैं। फिलहाल तीनों का ध्यान यहां बनने वाली मंडल कमेटियों पर अपनी पकड़ बनाने को लेकर है। तीनों की दिलचस्पी कदमा, सोनारी व बिष्टुपुर मंडल में ज्यादा है, क्योंकि यह पॉश इलाका तो है ही, भाजपा का एकमुश्त वोट भी इसी क्षेत्र में है। फिलहाल यहां तीनों मंडल के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं, लेकिन इनकी कार्यकारिणी का विस्तार नहीं हो सका है। मंडल अध्यक्ष बनाने में गोस्वामी का पलड़ा भारी रहा, जबकि सांसद ने एक मंडल अध्यक्ष को अपने पाले में कर लिया है। देवेंद्र सिंह खाली हाथ रह गए। 

गुंजन यादव के छूट रहे पसीने

अब बारी है मंडल कमेटी के विस्तारीकरण की। भाजपा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने जमशेदपुर पूर्वी के सभी मंडलों का विस्तार तो आसानी से कर लिया, लेकिन जमशेदपुर पश्चिमी में उनके पसीने छूट रहे हैं। इसी विधानसभा का एक बड़ा इलाका मानगो है, जहां मानगो, उलीडीह, आजादनगर और एमजीएम मंडल का गठन भी कर लिया गया है, लेकिन कदमा के मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह, सोनारी के प्रशांत पोद्दार व बिष्टुपुर मंडल के अध्यक्ष संजीव तिवारी अब तक पार्टी को अपने कंधे पर ही ढो रहे हैं।

 तीनों मंडलों के गठन पर नजर

प्रदेश अध्यक्ष के आगमन से पहले सभी मंडल कमेटी का विस्तार करने का दबाव होते हुए भी गुंजन यहां कार्यकारिणी समिति का गठन नहीं कर पा रहे हैं। बताया जाता है कि तीनों मंडल अध्यक्ष ने कार्यकारिणी की सूची तैयार कर ली है, लेकिन त्रिदेव का चक्कर लगाने पर कुछ नाम काट दिए जा रहे हैं। इनके बदले ऐसे नाम सुझाए जा रहे हैं, जो जिलाध्यक्ष गुंजन यादव या मंडल अध्यक्ष को अनुकूल नहीं लग रहे हैं। इन तीनों मंडल में मानगो की तरह जंबो-जेट कमेटी बनाने से भी विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है, क्योंकि सवाल तो उपाध्यक्ष, महामंत्री जैसे पद को लेकर है। देखने वाली बात होगी कि इन तीनों मंडल का गठन कब और कैसे होता है।

भाजपा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव।


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