टाटा के लोगों में बढ़ रहा तनाव, बदलती कार्यसंस्कृति बनी वजह
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा के लोग आरामदेह जिंदगी जीना अधिक पसंद करते है। हालांकि, अब
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा के लोग आरामदेह जिंदगी जीना अधिक पसंद करते है। हालांकि, अब उनमें भी तनाव तेजी से हावी हुआ है। इसका मुख्य कारण है कि अब उनकी कार्यसंस्कृति में तेजी से बदलाव आया है जिसमें वे अपने आप को समायोजित नहीं कर पा रहे है। ये बातें शनिवार को वेदांता एकेडमी की ओर से बिष्टुपुर स्थित एक होटल में हुई कार्यशाला में निकलकर सामने आई। कोलकाता स्थित वेदांता एकेडमी के शिक्षक एल रामा स्वामी ने कहा कि जमशेदपुर के लोग अपने काम, लक्ष्य हासिल करने को लेकर अधिक परेशान दिख रहे है।
कार्यशाला में टाटा स्टील, जुस्को सहित अन्य कंपनी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। एल रामा स्वामी ने उन सभी को तनाव से बचने का टिप्स दिया। स्वामी ने बताया कि जिंदगी में घटना, दुर्घटना सभी के साथ होते रहती है। ऐसी स्थिति में अधिकांश लोग तनाव में चले जाते हैं। जबकि यहां पर बुद्धि व विवेक का इस्तेमाल कर तनाव से बचा जा सकता है। स्वामी ने कहा कि क्रोध भी तनाव का एक मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि उन्हें क्रोध क्यों आता है? जब मनुष्य को कोई चीज का इच्छा करता है और वह पूरा नहीं हो पाता है या फिर उसे कोई रोक देता है तो वहां पर क्रोध आता है। क्रोध, लोभ व भय अनियंत्रित होने से तनाव बढ़ता है। इसलिए इससे बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को संतुष्टि नहीं होना भी तनाव का एक कारण है। लोगों की अपेक्षा लगातार बढ़ती जाती है और पूरी नहीं होने पर वे असहज महसूस करते हैं और उनमें तनाव बढ़ते जाता है।