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महिलाओं के लिए रामबाण है उत्कट कोणासन, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से

Yoga Tips उत्कट कोणासन महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में यह आसन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं में फायदा मिलता है। ये रही पूरी जानकारी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:41 AM (IST)
महिलाओं के लिए रामबाण है उत्कट कोणासन, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से
जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा। जागरण

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महिलाएं यदि नियमित तौर पर उत्कट कोणासन करें तो हैमस्ट्रिंग, घुटने और शरीर के निचले हिस्से को फायदा मिलता है। उत्कट कोणासन महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी में बहुत फायदेमंद होता है। जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बता रही हैं उत्कट कोणासन करने के तरीके।

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क्या है उत्कट कोणासन

उत्कट कोणासन कूल्हों, पेट, छाती और कमर व पैर की मांसपेशियों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि उत्कट कोणासन करने के लिए पहले पैरों के बीच समान दूरी बनाएं और खड़े हो जाएं। पैरों को बराबर रखते हुए अंगुलियों को बाहर की तरफ मोड़े। इस दौरान आप अपने पैरों की एड़ियों को शरीर के पास रखें, इसके बाद आप घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को नीचे ले आएं, मनस्कार की मुद्रा में अपनी दोनों हथेलियों को एक साथ लाएं, छाती को आगे की तरफ करते हुए कंधे को थोड़ा पीछे रखें। आप इसी स्थिति में रहें और सामान्य व गहरी सांस लें। सांस छोड़ने के बाद पेट को सिकोड़ें और पीठ के हिस्से को नीचे की तरफ दबाएं। अब आराम से पोज का रिलीज करते हुए सामान्य मुद्रा में आएं।

उत्कट कोणासन के फायदे

गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान इस योगासन का अभ्यास बहुत ही फायदेमंद होता है। उत्कट कोणासन का अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और उन्हें खोलने का काम करता है। इस आसन का अभ्यास करने से कूल्हों, घुटनें और टखनों को भी फायदा होता है। महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में यह आसन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं में फायदा मिलता है। इस आसन का नियमित करने से गठिया की समस्या, किडनी, अंडाशय, मूत्राशय के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके नियमित अभ्यास से सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है और फेफड़ों को फायदा मिलता है।


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